रायपुर. किसी भी व्यक्ति को उसके दैनिक जीवन में कितना सुख और साधन मिल रहा है, धन के अलावा अन्य सुख दैनिक जीवन में आसानी से प्राप्त हैं अथवा नहीं इसके बारे में जानना हर कोई चाहता है. आपके पास बहुत धन और सभी सुख साधन होने के बाद भी यदि आपको समय पर खाना और अच्छी नींद भी नसीब नहीं हो रही है, तो निश्चित ही आपकी कुंडली में कोई न कोई कमी जरूर होगी, सिर्फ धन का सुख या मकान में हर भौतिक सुख उपलब्ध होना ही सुखी होने का प्रतीक नहीं है.
यह सुख आपको नसीब में है या नहीं ये देखना भी जरूरी है. अगर आपके जीवन में सुख समृद्धि, मान, जैसे सभी सुख समान भाव से हैं तभी आपको सुखी कहा जा सकता है. अगर इनमें से कोई भी सुख कम है अथवा किसी विशेष दिन इनकी कमी दिखाई दे तो इसके बारे में आप अपनी कुंडली से जरूर पता कर सकते हैं. वैसे तो ज्योतिष प्रति व्यक्ति अथवा व्यक्तिगत विश्लेषण का विषय है, किंतु कुछ ग्रह और भाव इसके संबंध में बताते हैं उसका एक संक्षिप्त विश्लेषण हम यहा करने का प्रयास करेंगे.
कुंडली में दूसरे व ग्यारहवें भाव को धन स्थान व आय स्थान कहा जाता है. इसके साथ ही आर्थिक स्थिति की गणना के लिए चौथे व दसवें स्थान की शुभता भी देखी जाती है. यदि इन स्थानों के कारक प्रबल हों तो, अपना फल देते ही हैं. निर्बल होने पर अर्थाभाव बना रहता है, विशेषत यदि धनेश, सुखेश या लाभेश छठे, आठवें या बारहवें स्थान में हो या इसके स्वामियों से युति करें तो धनाभाव, कर्ज व परेशानी बनी ही रहती है.
राहु व्यक्ति को शुभ या अशुभ फल अचानक प्रदान करता है. कभी-कभी तो यह इतना अधिक अपेक्षा से हटकर प्रभाव देता है कि व्यक्ति खुद चकित रह जाता है कि उसके जीवन में ऐसा कैसे हो गया. यदि आपके जीवन में अचानक कोई घटना घटे, जिसके बारे में कभी आपने सोचा भी नहीं होगा, तो इसके पीछे राहु एक अहम कारक हो सकता है.
राहु के कारण बनने वाला यह अत्यंत शुभ योग होता है. जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में राहु छठे भाव में हो और केंद्र स्थान (पहले, चौथे, सातवें, दसवें) में से किसी में बृहस्पति हो तो अष्टलक्ष्मी योग बनता है. कुछ विद्वान राहु के छठे और बृहस्पति के केवल दशम स्थान में होने पर अष्टलक्ष्मी योग बनना मानते हैं. यह योग जिस जातक की कुंडली में होता है, वह महा धनवान बनता है. ऐसे व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं रहती। बृहस्पति के प्रभाव से राहु शुभ फल देकर जातक को धनवान बनाता है.
इसी प्रकार चंद्रमा को तात्कालीन निर्णय के तौर पर देखे जाना वाला ग्रह माना जाता है. अतः चंद्र और राहु के प्रभाव रोजमर्रा के जीवन में देखने चाहिए. इस प्रकार यदि दैनिक जीवन में सुख और प्रभाव देखना हो तो अपनी कुंडली में दैनिक ग्रहो का परिवर्तन अथवा सूक्ष्म दशा का अवलोकन कर पता करें कि आपके जीवन में सामान्य माने जाने वाले सुख जैसे खाना, नीदं, शांति, सम्मान प्राप्ति है या नहीं. यदि नहीं तो इनके तात्कालीन लाभ के लिए कुंडली में दैनिक जीवन के ग्रह एकादश और राहु तथा चंद्रमा के उपाय करने चाहिए. इसके लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय शिवजी की पूजा, मंत्र जाप में मंत्र ओम हूम जूं सः का जाप एवं तिल का दान करना चाहिए.