शैलेन्द्र पाठक,बिलासपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज फार्मासिस्ट और आरटीआई कार्यकर्ता वैभव शास्त्री को गलत तरीके से गिरफ्तार करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन के अलावा बिलासपुर कलेक्टर पी.दयानंद,तात्कालीन पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव,एडीशनल एसपी नीरज चंद्राकर,सिटी मजिस्ट्रेट देहारी और सिविल लाइन थाने के टीआई नसर सिद्धिकी को नोटिस जारी जवाब मांगा है.

आज इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में न्यायाधीश गौतम भादुड़ी की सिंगल बैंच में हुई.मामले में वैभव शास्त्री की ओर से अधिवक्ता महेन्द्र दुबे ने पैरवी की.याचिका में वैभव शास्त्री की ओर से आरोप लगाया गया है कि कलेक्टर बिलासपुर द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर उसके खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई और बिना किसी कारण के उन्हें तीन दिन हिरासत में रखा गया.अधिवक्ता महेंद्र दुबे ने कलेक्टर पी. दयानन्द के दबाव में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर जेल में निरुद्ध रखे जाने का तर्क रखा, जिस पर उच्च न्यायालय ने  कलेक्टर बिलासपुर पी. दयानन्द, तात्कालीन एसपी मयंक श्रीवास्तव, एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर, सिटी मजिस्ट्रेट देहारी, सिविल लाइन टीआई नसर सिद्धिकी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि 6 नवंबर 2017 को कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान अपना आवेदन लेकर पहुंचे फार्मासिस्ट और आरटीआई कार्यकर्ता वैभव शास्त्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वैभव शास्त्री के पक्ष में फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने 20 दिनों तक भूख हड़ताल किया था.इसी क्रम में आरटीआई संगठनों ने भी आला अधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी.