छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के खिलाफ स्वेच्छानुदान के दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच का जिम्मा लोकायोग को दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपनी शिकायत लोकायोग से करने का निर्देश दिया है. इस बात की जानकारी याचिकाकर्ता पीके दूबे के वकील सतीश वर्मा ने दी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल कुछ महीने पहले आरटीआई एक्टिवस्ट दिनेश सोनी ने एक प्रेस क्रांफ्रेस करके स्वेच्छानुदान की राशि अपने करीबियों में बांटने का खुलासा किया था. उसने गृहमंत्री पैकरा पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप भी लगाए थे.
इसके बाद दिनेश सोनी के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज कर लिये. पुलिस की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्वक बताते हुए दिनेश सोनी की ओर से पीके दूबे सुप्रीम कोर्ट गए. जहां प्रशांत भूषण ने उनकी सुरक्षा और गृहमंत्री के खिलाफ जांच की मांग की.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट भेजा. हाईकोर्ट से दिनेश सोनी को जमानत मिल गई और गृहमंत्री के भ्रष्टाचार के जांच पर सुनवाई शुरु हुई जिस पर मामले को कोर्ट ने लोकायोग के पास भेज दिया है.
इस मामले को लेकर विपक्ष ने गृहमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने श्रीलंका से लौटते ही रामसेवक पैकरा का इस्तीफा मांग लिया है. विपक्षी पार्टियां कांग्रेस और जनता कांग्रेस गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर अपनी रणनीति बना रही है.