कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बढ़ रहे डॉग्स बाइट्स की घटनाएं और आवारा गोवंश से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर समेत प्रदेश के सभी कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर को फटकार लगाई है. जिसके बाद अब ग्वालियर निगम प्रशासन की नींद टूटी है.
इसे भी पढ़ेः BREAKING: कमरे में मिली युवक-युवती की लाश, पुलिस घटनास्थल पर पहुंची
नगर निगम जल्द ही शहर में डॉग शेल्टर होम खोलने की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए बाकायदा नगर निगम अपनी खाली पड़ी जमीन को तलाशना भी शुरू कर दिया है. साथ ही इसके लिए डॉग लवर्स के साथ एक बैठक भी आयोजित की गई. जिनसे डॉग्स के बेहतर रखरखाव के लिए सुझाव भी मांगे गए हैं.
इसे भी पढ़ेः रसोई गैस के दाम बढ़ने पर कमलनाथ ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, चार ट्वीट कर बोले- संघर्ष रहेगा जारी
बताया जा रहा है कि आवारा गोवंश के लिए ग्रामीण स्तर पर बंद और अधूरी पड़ी गौशालाओं को एक बार फिर शुरू किया जाएगा, ताकि शहरों में घूम रहे आवारा गोवंशों को इन गौशालाओं में रखा जा सके.
इसे भी पढ़ेः मजदूरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलटी, 30 घायल, 10 गंभीर
गौरतलब है कि हाल ही में शहर के एक वकील ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थई. जिसमें बताया गया था कि एक साल में अकेले ग्वालियर में 13000 लोग डॉग बाइट का शिकार हुए हैं. इतना ही नहीं आवारा गोवंश शहर की सड़कों और हाईवे पर बैठे रहने से हादसों में वृद्धि हो रही है. जिसके बाद हाईकोर्ट ग्वालियर में ग्वालियर सहित सात कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर सहित 30 अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्ट्रीट डॉग और आवारा गोवंश के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी मांगी थी.
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने की लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक