कुमार इंदर,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर की माता गुजरी कॉलेज प्रबंधन को तथ्यों को छुपाने को लेकर फटकार लगाई है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने कॉलेज की याचिका भी निरस्त कर दी। दरअसल जबलपुर के माता गुजरी कॉलेज ने विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता शुल्क लेने को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चैलेंज किया था जिसकी पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से जवाब मांगा था।

आज एक बार फिर हुई सुनवाई में विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जवाब पेश करते हुए हाईकोर्ट को बताया गया कि, इस मामले में माता गुजरी कॉलेज द्वारा पूर्व भी याचिका लगाई गई थी जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा हाईकोर्ट को पिछली याचिका की जानकारी छुपाने पर कॉलेज प्रबंधन को फटकार लगाई जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने हाईकोर्ट की शक्ति को देखते हुए तुरंत अपनी याचिका वापस करने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने याचिका निरस्त कर दिया।

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संबद्धता शुल्क लेने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती

जबलपुर स्थित माता गुजरी कॉलेज द्वारा खुद को ऑटोनॉमस कॉलेज बताकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता शुल्क लेने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जवाब मांगा था। कॉलेज की याचिका में कहा गया था की माता गुजरी कॉलेज एक ऑटोनॉमस कॉलेज है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियमन के अनुसार ऑटोनॉमस कॉलेज को हर साल संबद्धता शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट को बताया था कि 2023 को हुई संशोधित अधिसूचना के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2023 24 के लिए कॉलेज से अतिरिक्त संबंध का शुल्क की मांग की गई है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में विश्वविद्यालय को हर हाल में अगली सुनवाई तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

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