लखनऊ. 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होने जा रहा है. विश्व के सबसे बड़े इस आयोजन में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसे देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुंभ की व्यवस्था में लगे पुलिस और प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने हाथरस में पिछले साल एक सत्संग में मची भगदड़ की घटना को याद करते हुए पुलिस और प्रशासन को इससे सबक लेने को कहा है.

अदालत ने संबंधित अधिकारियों को महाकुंभ के दौरान ऐसी व्यव्सथा करने का निर्देश दिया है जिससे कि यहां पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु या पर्यटकों को किसी भी तरह की समस्या ना हो, साथ ही उनके जान-माल की रक्षा हो सके. न्यायालय का कहना है कि यदि व्यवस्था में तैनात अफसरों से जरा सी भी लापरवाही हुई तो अनहोनी हो सकती है. इससे बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं.

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पीएम मोदी और सीएम योगी का जिक्र

जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच की ओर से दिए गए आदेश में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज जाकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं. केंद्र और यूपी सरकार महाकुंभ को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है. न्यायालय ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं से जुड़े आदेश की कॉपी प्रयागराज के डीएम कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को भेजे जाने का भी आदेश दिया है. इसके साथ ही यूपी के प्रमुख सचिव गृह को भी आदेश की कॉपी भेजने को कहा है.

हाथरस में क्या हुआ था?

बता दें कि जुलाई 2024 में हाथरस के पुलराई गांव में प्रवचनकर्ता भोले बाबा नारायण हरि के सत्संग का आयोजन हो रहा था. जब लोग सत्संग से वापस लौटने के लिए बाहर निकल रहे थे, इस दौरान वहां भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे, जिसकी वजह से दर्जनों लोगों की मौत दम घुटने और कुचले जाने से हो गई. सत्संग में करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटी हुई थी, जिसमें शामिल होने के लिए हाथरस से सटे एटा और अलीगढ़ जैसे जिलों से भी लोग आए थे. इस हादसे में कुल 121 लोगों की मौत हुई, वहीं 150 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.