कुमार इंदर, जबलपुर। मुगल बादशाह शाहजहां की बहू के मकबरे समेत 3 इमारतों पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आया है। बुरहानपुर स्थित मुगल बादशाह शाहजहां की बहू के मकबरे और तीनों इमारतों पर वक्फ बोर्ड का अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने माना वक्फ बोर्ड ने गलत आदेश जारी कर इन इमारतों को अपनी संपत्ति माना था। आर्कोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की याचिका पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा शाह शुजा स्मारक, नादिर शाह का मकबरा और किले में स्थित बीबी साहिब की मस्जिद प्राचीन और संरक्षित इमारत है। जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने माना कि तीनों इमारत को वक्फ बोर्ड अपने अधीन नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश इमारतें वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है।

ASI की याचिका में दलील

प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के तहत ये प्राचीन और संरक्षित इमारत है। अधिनियम 1904 के तहत वक्फ बोर्ड इसे अपनी संपत्ति घोषित नहीं कर सकता है। ASI ने साल 2015 में याचिका दायर की थी। साल 2015 में ही हाईकोर्ट ने वर्क बोर्ड के आदेश पर स्टे दिया था। हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ स्पष्ट आदेश देते हुए याचिका का निराकरण किया है। साल 2013 में वक्फ बोर्ड ने आदेश जारी कर इसे अपनी संपत्ति माना था। जानकारी कौशलेंद्र नाथ पेठिया, याचिकाकर्ता के वकील ने दी।

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