लखनऊ. राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में दवाओं का स्टॉक खत्म होने से यहां आने वाले हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) से पीड़ित मरीज वापस लौटने को मजबूर हैं और खुले बाजार से लगभग 8,000-10,000 रुपए की कीमत पर दवाएं खरीद रहे हैं.

लिवर सिरोसिस के एडवांस स्टेज में मरीजों को उनके इलाज के लिए दो जरुरी दवाओं की आवश्यकता होती है. वर्तमान में, लगभग 200-250 एचसीवी मरीजों का केजीएमयू में इलाज चल रहा है और इतनी ही संख्या में नए मरीज यहां हर महीने पंजीकृत होते हैं. विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत केंद्र से दवाएं मिलती हैं, लेकिन मौजूदा स्टॉक केवल पुराने मरीजों के लिए ही है.

इसे भी पढ़ें – बड़ा घोटाला : एक ही डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है 83 अस्पताल, जानिए पूरा मामला

अधिकारियों ने बताया कि नया स्टॉक 30 दिन पहले आने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केजीएमयू के अधिकारियों ने दवा के स्टॉक को फिर से भरने की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करते हुए एनएचएम को एक अनुरोध पत्र सौंपा है. केजीएमयू में एचसीवी के लिए उपचार का एक विशिष्ट कोर्स तीन महीने तक चलता है, जो नए मरीजों के लिए इलाज शुरू करने के लिए दवा के समय पर आगमन के महत्व पर जोर देता है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक