चंद्रकांत/बक्सर: खेती-किसानी में लीक से हटकर चलने वाले लोग कम ही दिखते हैं, लेकिन शिक्षा के प्रसार, जागरूकता और उन्नत बीजों की उपलब्धता के कारण अब ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदल रही है. चक्की प्रखंड क्षेत्र के किसान धान-गेहूं के अलावा कम समय में अच्छा मुनाफा देने वाली फसलों की खेती करने लगे हैं, ऐसे ही एक किसान अरक गांव निवासी विनोद सिंह हैं. 

पपीते की खेती

वह 8 एकड़ में पपीते की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. परंपरागत फसलों की तुलना में पपीते की खेती से इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. वह फौज की नौकरी में थे. 4 साल नौकरी करने के बाद इनका मिजाज बदला. नौकरी छोड़कर 1994 में गांव आ गए. इसके बाद खेती में अपनी किस्मत आजमाने लगे. थोड़ी-थोड़ी कर फसलें उगाने लगे.

नकदी खेती 

अब वह खुद को परंपरागत फसलों से ऊपर उठाकर नकदी खेती की ओर आगे बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि पारंपरिक खेती के अलावा, हर किसान को वैकल्पिक नकदी फसलों पर भी ध्यान देना चाहिए, तभी किसानों की आर्थिक हालात सुधर पाएगी. पपीते की खेती आर्थिक रूप से सफल होने के लिए एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें कम लागत में अच्छा मुनाफा होता है.

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