दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के कार्यालय के नाम से फर्जी लेटर जारी कर प्राइवेट अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज कराने वाले एक शातिर युवक को उत्तरी जिला की साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान बादली, झज्जर, हरियाणा निवासी सोनू (27) के रूप में हुई है। आरोपी दिल्ली नगर निगम में ठेके पर माली का काम करता है।

पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया है कि जो लोग प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं करा पाते थे, ऐसे लोगों को वह पांच हजार रुपये लेकर ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में इलाज करा देता था। इसके लिए वह बकायदा अस्पताल के नाम सीएम कार्यालय की ओर से एक फर्जी लेटर जारी कर मरीजों को देता था। बाद में वह बलबीर सिंह राठी बनकर अस्पताल को कॉल भी करता था।

पकड़े गए आरोपी के पास वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन, दो सिमकार्ड, सीएम कार्यालय का असली लेटर, एक बैग, जिसमें सीएम ऑफिस के अलावा कई और फर्जी लेटर, दिल्ली नगर निगम का फर्जी आईडी, हरियाणा सरकार की फर्जी आईडी और फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक बरामद की है। पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

ईमेल के बाद हुआ खुलासा…

उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने बताया कि पिछले दिनों सीएम के ओएसडी एससी वशिष्ठ ने सिविल लाइंस थाने में एक शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से एक लेटर की जांच के लिए ईमेल प्राप्त हुआ। लेटर सीएम कार्यालय की ओर से अनिल अग्रवाल, ऑफिसर इंचार्ज के नाम से जारी हुआ था।

लेटर में अस्पताल को आदेश दिया गया था कि श्याम शंकर नामक मरीज का ईडब्ल्यूएस कोटे से मुफ्त में इलाज किया जाए। अस्पताल ने बताया कि उनके पास किसी बलबीर सिंह राठी नामक अधिकारी के नाम से कॉल भी आया था। लेटर में स्पेलिंग की गलतियों के अलावा उसको ठीक से टाइप भी नहीं किया गया था।

सीएम कार्यालय में जो टाइपिंग का फोंड इस्तेमाल होता है, वह उससे भी मेल नहीं खा रहा था। लेटर पर हस्ताक्षर भी नकली थे। सीएम कार्यालय ने लेटर की जांच की तो वह फर्जी निकला। शिकायत मिलने के बाद सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। मामले की जांच के लिए कई टीमों का गठन कर दिया।

ऐसे पकड़ा गया आरोपी…

मामले की छानबीन के लिए पुलिस ने सबसे पहले मरीज श्याम शंकर से लेटर के संबंध में पूछताछ की। श्याम ने बताया कि लेटर उसकी पत्नी अंजु किसी सोनू नामक व्यक्ति से लेकर आई है। सोनू के मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई गई। जांच में पता चला कि मोबाइल सोनू के नाम से रजिस्टर्ड है, उसके आधार पर आरोपी का एक और नंबर मिला।

दोनों मोबाइल पर बादली, झज्जर का पता मिला। मोबाइल की लोकेशन की पड़ताल की गई तो पता चला कि वह करोल बाग स्थित एमसीडी के दफ्तर में एक्टिव है। 29 अक्तूबर को टीम ने वहां छापेमारी, लेकिन आरोपी वहां से निकलने में कामयाब हो गया। दफ्तर से आरोपी का एक बैग व फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक बरामद हुई।

आरोपी के बैग में एमसीडी का आईकार्ड, सीएम दफ्तर के फर्जी लेटर और अन्य सामान बरामद हुआ। पुलिस ने उनको कब्जे में लिया। बाद में टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी सोनू को 30 अक्तूबर को डबल स्टोरी, टैगोर गार्डन, दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हो गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया।

दफ्तर में मिला था सीएम कार्यालय का असली लेटर, वहीं से आया आइडिया…

एमसीडी में ठेकेदार के पास माली का काम करने के दौरान कुछ माह सोनू को सीएम कार्यालय का एक लेटर मिला था। यहीं से उसके दिमाग में आइडिया आया और उसने योजना बना ली। उसने सीएम का फर्जी लेटर बनवा लिए। इसके बाद उसने गरीब मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की योजना बना ली।

वह प्राइवेट अस्पताल के आसपास घूमकर अपना शिकार ढूंढता। बाद में वह पांच हजार रुपये में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में मुफ्त इलाज कराने के नाम पर सीएम कार्यालय की ओर से फर्जी लेटर गरीबों को थमा देता था। खुद को सीएम कार्यालय का फर्जी अधिकारी बलबीर सिंह राठी बताकर अस्पताल को कॉल भी करता था। आरोपी ने इसी तरह कई लोगों का इलाज भी करवाया।

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