प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर। मोहला-मानपुर जिले में एक ओर जहां तकनीकी ज्ञान और कौशल रखने वाले प्रशासन द्वारा बनाए गए पुलों के चंद समय में ही टूट जाने का मामला सुर्खियों में है, वहीं दूसरी ओर इस जिले के नक्सल प्रभावित आदिवासी बहुल मानपुर ब्लॉक के ग्रामीणों ने ऐसे पुल का निर्माण किया है जिसने ग्रामीणों को आवागमन की राहत तो दी ही है, साथ में उस शासन-प्रशासन को विकास का आईना भी दिखाया है जो ग्रामीणों के पुल की मांग को दरकिनार कर विकास के दंभी नारों और वादों में मशगूल है।

एक तरफ शासन और प्रशासन की चौखट पर इन ग्रामीणों की फरियाद अनसुनी हो रही है, वहीं दूसरी ओर एक नाले ने स्कूली बच्चों के स्कूल आवागमन और ग्रामीणों के राशन, स्वास्थ्य समेत कई तरह की जरूरतों के लिए होने वाली आवाजाही को त्रासदीपूर्ण बना रखा है।

आखिरकार इन ग्रामीणों का सब्र टूट गया और टूट गई शासन और प्रशासन से सरकारी पुल की उम्मीद। ग्राम खुरसेखुर्द और बेसली के दो ग्रामीणों ने बैठक कर खुद पुल बनाने का निर्णय किया और अपनी खेती-किसानी व तमाम काम छोड़कर दोनों गांवों के प्रत्येक घर से ग्रामीण उस नाले पर जुटे जो इन दोनों गांवों के बीच त्रासदीपूर्ण आवागमन का कारण बनी हुई थी। ग्रामीणों ने माउंटेन मैन मांझी की तर्ज पर खुद को ब्रिज मैन बना डाला और ग्रामीणों ने इस नाले में बांस और बल्लियों के सहारे ऐसी कारीगरी की कि नाले में एक देसी पुल का निर्माण हो गया।

इस देसी पुल ने परिस्थितियां ही बदल दीं। कल तक स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर नाला पार कर स्कूल आते-जाते थे, अब बच्चे इस देसी पुल से गुजरकर स्कूल पहुंचते हैं। ग्रामीणों का आवागमन और राशन की ढुलाई भी इससे आसान हो गया है। बतौर पुल नाले में बिछाई गई बांस की टाट पर मुरूम डालना ही बाकी रह गया है। मुरूम डालते ही छोटे चार पहिया वाहन भी इस देसी पुल से गुजरने लगेंगे।

कुल मिलाकर कहें, ग्रामीण आदिवासियों ने इस बात को झुठला दिया कि शासन-प्रशासन उनके प्रति चाहे कितना भी उदासीन बना रहे, ये ग्रामीण आदिवासी शासन और प्रशासन के भरोसे नहीं रहेंगे, अलबत्ता वो अपने दम पर अपनी तकलीफों को हराने का जज्बा रखते हैं। बहरहाल ग्रामीणों ने खुद पुल बनाकर अपने त्रासदीपूर्ण आवागमन का हल तो निकाल लिया है, अब जरूरत है कि शासन-प्रशासन असल मायने में क्षेत्रीय विकास को हकीकत के धरातल में उतारे ताकि आदिवासी जन कागजों में नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकें।