मनोज यादव, कोरबा– कोरबा में बेसहारा बीमार बुजुर्ग को जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. वृद्ध सीतामढ़ी क्षेत्र में एक ठेले के अंदर रहकर गुजर बसर करता है. बता दें कि बुजुर्ग की हालत को देखते हुए लोगों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जिला अस्पताल प्रबंधन ने इसे ये कहते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया कि आप स्वथ्य है. आपको डिस्चार्ज किया गया है. जब ये अमानवीय कृत्य कैमरे में कैद हुई और इसकी जानकारी एक समाज सेवी संस्था को पता चली तो वे मौके पर पहुंचे.
नर्स और स्टाफ से पूछने पर बताया कि वो अपने से बाहर चले गए है, जबकि बुजुर्ग बेसहारा चलने के हालत में ही नहीं है. फिर तत्काल उसे अस्पताल के स्टॉफ ने विल चेयर से वार्ड में लेकर पहुंचे और इलाज शुरू करने की बात कही. बुजुर्ग कालीचरण की माने तो जिला अस्पताल के स्टॉफ उसे जबरन बाहर निकाल के चौखट पर छोड़ बाहर का रास्ता दिखा दिए.
जब मीडिया वाले सुबह जिला अस्पताल पहुंचे तो काली चरण जिला अस्पताल से लापता मिला. उसके बताये हुए पते सीतामणी शनि मंदिर के पास जब हम पहुंचे तो काली चरण का हालत देख आप भी यही कहेंगे की एक बुजुर्ग के साथ जो जिला अस्पताल प्रबंधन ने किया है वो बेहद निंदनीय है. काली चरण एक खाली पड़े बंद ठेले के अंदर खुद को बंद कर रखा था. उसने बताया कि ठेला ही उसका घर है. जिला अस्पताल के स्टॉफ ने उसे फिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. जब उसके ऊपर के एक युवक की नजर पड़ी तो उसे 100 रुपये देकर ऑटो से उसके गंतव्य के लिए रवाना किया.
पत्नी के मर्डर के मामले में सजा काट कर रिहा हुआ काली चरण
काली चरण ने ये भी बताया कि वो मूलतः घुड़देवा निवासी है और उसकी पत्नी के हत्या के मामले में 16 साल सजा काट कर आया है. उसे कुछ ही साल हुए जेल से रिहा हुए. जब वो जेल से बाहर आया तो उसका परिवार तबाह हो चुका था. फिर उसने शनि मंदिर के पास अपना ठिकाना बनाया. समय का मारा काली चरण का अब सहारा ऊपर वाला ही है जो उसे अपने शरण में रखा हुआ है. उसने लोगो से अपील की है कि उसे किसी तरह मदद कर उसकी जान बचा ले.