बिलासपुर। सेवानिवृत्ति के बाद प्रधान आरक्षक से अधिक भुगतान का हवाला देते हुए वसूली करने के विभागीय आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने के साथ समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान 60 दिन में करने का आदेश दिया. लेकिन आदेश की लगातार अवहेलना पर प्रार्थी के फिर हाई कोर्ट की शरण में जाने पर पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी) और पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) ने क्षमायाचना दाखिल की, जिसके पश्चात हाई कोर्ट ने अवहेलना याचिका निराकृत किया. इसे भी पढ़ें : शिवनाथ में मछलियों की मौत : भाटिया वाइन्स के खिलाफ ग्रामीणों में गुस्सा, पर्यावरण संरक्षण मंडल ने लिया नदी जल का सैंपल…

पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) रायपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ रायपुर निवासी कृष्णा प्रसाद ठाकुर के सेवानिवृत्ति के पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) ने सेवाकाल के दौरान अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर उनके विरूद्ध 3,28,657 रुपए का वसूली आदेश जारी करते हुए समस्त सेवानिवृत्ति देयक रोक लिए. मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की वसूली राशि को रोककर अन्य समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान 60 दिनों के भीतर करने का आदेश दिया था.

समयावधि के भीतर सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान ना किए जाने से क्षुब्ध होकर कृष्णा प्रसाद ठाकुर ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. उक्त अवमानना याचिका की अंतिम सुनवाई के दौरान पुलिस महानिरीक्षक एवं एसपी (सीआईडी), रायपुर द्वारा भविष्य में इस प्रकार की गलती का दोहराव नहीं किए जाने एवं क्षमायाचना के पश्चात् उक्त अवमानना याचिका को निराकृत किया गया.