चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायालय ने शिक्षा के मंदिर को कलंकित करने वाले एक हेड मास्टर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय ने 62 वर्षीय हेडमास्टर को 8 वर्षीय मासूम छात्रा के साथ दुष्कर्म का दोषी पाते हुए शनिवार को सजा सुनाई.

हेडमास्टर

पीड़ित मासूम कक्षा दो की छात्रा थी. उसके  के साथ स्कूल के हेडमास्टर फूलचंद धोबी जुलाई 2015 से इस घिनौनी वारदात को अंजाम दे रहा था. 2016 में छात्रा की तबियत अचानक खऱाब हो गई. पीड़ित स्कूल जाने से कतराने लगी थी. मां द्वारा पूछताछ करने पर मासूम ने पूरी घटना का खुलासा किया. मासूम ने बताया कि जब वह दूसरी कक्षा में थी तो गेम पीरियड के दौरान हेड मास्टर फूलचंद धोबी ने उसके साथ गंदी हरकत की थी. जिसके बाद वह अक्सर ही उसके साथ यह हरकत करने लगा था.

पीड़ित के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी हेड मास्टर के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था. प्रकरण पर फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश मधु तिवारी ने कहा है कि अभियुक्त का कृत्य न केवल राज्य के प्रति अपराध है, बल्कि समाज के प्रति भी अपराध है. अभियुक्त ने प्रधान पाठक के सम्मानित पद पर रहते हुए 7-8 वर्ष की बालिका के साथ किया गया कृत्य घृणित व अमर्यादित है. यह मानवता के विपरीत है. अपराध की प्रकृति को देखते हुए अभियुक्त को परिवीक्षा अधिनियम के उदार प्रावधानों का लाभ देना न्यायासंगत नहीं होगा.