राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) ने MAHARASTRA के वर्धा जिले में एक अवैध मेफेड्रोन Manufacturing Unit का भंडाफोड़ किया है और 192 Cr रुपए मूल्य का 128 Kg प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किया है. एक अधिकारी ने कहा कि SUNDAY और MONDAY को चलाए गए अभियान के दौरान कथित मुख्य साजिशकर्ता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, मास्टरमाइंड फाइनेंसर और केमिस्ट के तौर पर भी काम करता था,विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए, डीआरआई अधिकारियों ने वर्धा से लगभग 60 किमी दूर करंजा (घड़गे) के दूरदराज, झाड़ियों से ढके इलाके में चुपके से निगरानी की और फिर खोजबीन अभियान चलाया। सुदूरवर्ती क्षेत्र में ‘ऑपरेशन हिंटरलैंड ब्रू’ शुरू किया.अधिकारियों ने झाड़ियों की ओट में बनाए गए एक अस्थायी ढांचे पर छापा मारा, जहां उन्हें पूरी तरह कार्यरत सिंथेटिक ड्रग निर्माण का तंत्र मिला. उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान गिरोह के कथित मुख्य साजिशकर्ता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि 128 किलोग्राम ‘उच्च गुणवत्ता’ मेफेड्रोन की बरामदगी के अलावा, उन्होंने अभियान के दौरान उपकरण और कच्चा माल भी बरामद किया.

ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों को एक पूरी तरह से काम करने वाला सिंथेटिक ड्रग प्रोसेसिंग सेटअप मिला, जिसमें कामचलाऊ रिएक्टर, बर्तन और अन्य उपकरण शामिल मेकशिफ्ट रिएक्टर, वेसल और मेफेड्रोन के गैर-कानूनी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले दूसरे इक्विपमेंट शामिल थे. जब्त किए गए सामान में तैयार प्रोडक्ट और इसे बनाने के लिए जरूरी प्रीकर्सर केमिकल दोनों शामिल थे. यह गैर-कानूनी फैक्ट्री जानबूझकर लोकल लोगों ने बनाई और चलाई थी ताकि वे गांव के माहौल में घुल-मिल जाएं और पकड़े न जाएं. मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खुद एक टेम्पररी, मॉड्यूलर, आम स्ट्रक्चर थी जो झाड़ियों के बीच छिपी हुई थी.

इस ऑपरेशन के साथ, DRI ने इस वर्ष अब तक गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई करके पांच गैर-कानूनी ड्रग विनिर्माण इकाइयों का भंडाफोड़ किया है। ये लगातार प्रयास डीआरआई की निरंतर सतर्कता, ऑपरेशनल उत्कृष्टता और सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दिखाते हैं, जो नागरिकों को नशीले और साइकोट्रॉपिक पदार्थों के खतरे से बचाती है।

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