सत्यपाल राजपूत, रायपुर. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को अवैध लिंग परीक्षण करने वाले सोनोग्राफी सेंटरों पर बड़ी कारवाई की है. विभाग ने दो सोनोग्राफी सेंटर को सील कर दिया है. 8 सेंटर का पंजीयन निरस्त और 12 सेंटर संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
दरअसल, रायपुर जिले में संचालित सोनोग्राफी सेंटरों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण किया, तब मामले का खुलासा हुआ. जांच अधिकारी ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के परिपालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने ज़िले में संचालित सोनोग्राफी सेंटरों का टीम के साथ आकस्मिक निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद पाया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भाधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है.
क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट
गर्भाधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है. इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी’ एक्ट 1996 के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है. ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है.