रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में एम्स संस्थान द्वारा कोविड-19 संक्रमण के दौरान प्रदेश के प्रभावित मरीजों के इलाज में निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है. कोविड-19 से पहले भी एम्स संस्थान ने प्रदेश के सुपेबेड़ा, जिला गरियाबंद के किडनी प्रभावितों के जांच एवं इलाज में भी बेहतर योगदान दिया है.

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि विगत दिनों विभिन्न प्रचार माध्यमों से यह भ्रामक खबर आई थी कि, एम्स संस्थान द्वारा सैंपल जांच के लिए 10 दिनों तक रोक लगा दिया है, जोकि पूरी तरह से भ्रामक है, जबकि एम्स प्रबंधन अपनी पूरी क्षमता के साथ बेहतर कार्य कर रहा है.

कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, नोडल अधिकारी- कोविड-19 संक्रमण-रोकथाम एवं एम्स प्रबंधन के मध्य परस्पर समन्वय से संक्रमण के रोकथाम एवं बेहतर प्रबंधन के लिए प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है, जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है. लगातार प्रशासनिक स्तर पर एम्स प्रबंधन एवं छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 से संबंधित प्रतिदिन डाटा साझा कर रहे है एवं इसके अनुसार मरीजों के इलाज की बेहतर व्यवस्था कर रहे है.

हॉल ही में प्रवासी मजदूरों के आने से कोविड-19 संक्रमण के मामलों में एकाएक अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, फलस्वरूप सैंपल जांच के मामलें भी बढ़े हैं. बावजूद इसके एम्स प्रबंधन अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर, निश्चित ही निकट भविष्य में सामान्य स्थिति निर्मित कर लेगा. कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम एवं बेहतर इलाज में लगे एम्स प्रबंधन का योगदान निश्चित ही सराहनीय है. वर्तमान में कोविड-19 से प्रभावित मरीजों के तेजी से स्वस्थ होने का भी श्रेय, एम्स प्रबंधन को जाता है. इलाज के दौरान एम्स के कुछ स्टाफ भी कोविड-19 से प्रभावित हो गए, इसके बावजूद भी समस्त स्टाफ निरंतर पूरी क्षमता के साथ लगे हुए है.

छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य विभाग एवं एम्स प्रबंधन के सहयोग से प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रण कर पाने में निश्चित ही सफल होंगे.