मनेंद्र पटेल, दुर्ग. जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की गलती से लोगों की जान जा रही है. ऐसा ही एक मामला आज जिले के हथखोज में सामने आया, जहां एक झोलछाप डॉक्टर के इलाज की वजह से एक युवक की मौत हो गई. यह घटना भिलाई तीन थाना क्षेत्र की है.

मिली जानकारी के मुताबिक, 23 साल के जितेन्द्र पांडेय को उल्टी दस्त की शिकायत थी. परिजनों ने उसे मोहल्ले के कथित डॉक्टर सत्येन शर्मा के पास लेकर गया, जहां डॉक्टर ने उसे लगातार तीन इंजेक्शन लगाया और चंद मिनट में जितेन्द्र की तबियत बिगड़ने लगी और वह बेहोश हो गया. इसके बाद घर वाले आनन-फानन में सुपेला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

घर वालों ने बताया कि सत्येन शर्मा कई सालों से मोहल्ले में प्रैक्टिस कर रहा है. इधर बेटे की मौत के बाद घर वालों का बुरा हाल है. बहन निधि पांडेय ने बताया कि उसका भाई जितेंद्र गाड़ी चलाता था और कल एक दिन के लिए ही घऱ आया था. उसे उल्टी दस्त हो रहा था, लेकिन सुबह तक वह सही सलामत था, बस थोड़ी कमजोरी थी इसलिए घर पर उसे जूस और नारियल पानी भी पिलाया था, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई. इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल में कुछ लोगों ने जब डॉक्टर से फोन पर उसकी डिग्री और अस्पताल के बारे में पूछा तो उसने बिना डिग्री के ही प्रैक्टिस की बात कही. फिलहाल पुलिस ने उस झोलाछाप डॉक्टर की तलाश शुरू कर दी है.

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