सत्यपाल राजपूत, रायपुर. मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज बंसोड़ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा को सीजेरियन/आपातकालीन डिलवरी के मामलों में उनके अभिमत के लिए आमंत्रित किया है. लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि सीजेरियन/आपातकालीन डिलवरी के प्रकरणों में रेफरल पर्ची न मिल पाने और मरीज के निजी अनुबंधित अस्पतालों से छुट्टी लेकर चले जाने की स्थिति में भी डीजीआरसी के माध्यम से समीक्षा की जाएगी.
अकारण सीजेरियन/आपातकालीन डिलवरी रोकना लक्ष्य
रेफरल पर्ची को सीजेरियन/आपातकालीन डिलवरी में रखने का शासन का उद्देश्य अकारण सीजेरियन डिलवरी को रोकना है. अकारण सीजेरियन डिलवरी के मामले बड़े पैमाने पर सामने आते रहे हैं. इस पर लगाम लगनी आवश्यक हो गई है .यह मामला भी समय-समय पर उठता रहा है.
जिला स्तर पर भी आईएमए से होगी चर्चा
प्रदेश स्तर में सीईओ राज्य नोडल एजेंसी आईएमए के साथ चर्चा करेंगे. इसके अलावा प्रत्येक जिलों में आईएमए के पदाधिकारियों से वहां के स्थानीय अधिकारी विचार-विमर्श करेंगे. इसमें आने वाले सार्थक सुझावों पर अमल किया जाएगा.
लगातार होगी समीक्षा
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना को लेकर लगातार समीक्षा करने की बात कही हैं. उन्होनें राज्य नोडल एजेंसी में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को आदेशित किया हुआ है कि योजना की लगातार समीक्षा हो और आ रही दिक्कतों को तत्काल दूर किया जाए.
58 अस्पताल में सीजेरियन/आपातकालीन डिलवरी की सुविधा
प्रदेश के 58 अस्पताल (प्रथम रेफरल यूनिट) में सीजेरियन/आपातकालीन डिलवरी की सुविधा उपलब्ध है. इस स्थिति में निजी अनुबंधित चिकित्सालयों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता हैं. राज्य शासन इनके सहयोग के माध्यम से ही योजना संचालित करना चाहता है.
गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसियेशन ने प्रसव नियम का विरोध करते हुए एक सोमवार को बैठक की थी और बैठक में प्रसव नियम को प्राइवेट से हटाने या पूरा देने के लिए सरकार को अप्रोच किया गया है. उसके बाद स्वास्थ्य संचालक ने अभिमत के लिए आमंत्रित किया है.