मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को मुख्य सेवक सदन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित उत्तराखण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य सशक्तिकरण अभियान में शामिल हुए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 220 नव नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह क्षण आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. उन्होंने कहा कि आप मात्र चिकित्सक नहीं बल्कि देवभूमि के आरोग्य प्रहरी भी हैं. इसीलिए आप सभी को प्रदेश की चिकित्सा को जनसुलभ और नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूर्ण समर्पण और सेवाभाव से कार्य करना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 11 लाख से ज्यादा मरीजों को 21 करोड़ से ज्यादा की कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त हो चुकी है. श्रीनगर में कार्डियो और न्यूरोलॉजी और हल्द्वानी में कैंसर से संबंधित विशेष चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों से हेली के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाएं जीवनदायिनी का काम कर रही हैं. अभी हाल ही में धराली में आई आपदा के दौरान भी इसको देखा गया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य केंद्रों के आधुनिकीकरण, पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति और टेलीमेडिसिन सेवा के विस्तार से राज्य में चिकित्सा सेवाओं को नया आयाम मिला है. उन्होंने कहा कि हम हर जनपद में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं. ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड प्रत्येक क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का भी नेतृत्व कर रहा है. उन्होंने कहा कि विकसित भारत का संकल्प उत्तराखण्ड के विकसित होने से और उत्तराखण्ड के विकसित होने का संकल्प यहां के समाज, नागरिकों और हर क्षेत्र के विकसित होने से ही साकार होगा.
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