समीर शेख, बड़वानी। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन का विधानसभा क्षेत्र राजपुर जहां स्वास्थ व्यवस्थाए दम तोड़ती नजर आ रही है। नगर की जनसंख्या 25 हजार के करीब है, वहीं राजपुर विकासखण्ड के कई गांव इसी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर निर्भर है। यहां की बात करें तो मात्र 30 बेड का हॉस्पिटल है जहां हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। ऐसे में अगर मरीज को भर्ती करने नौबत आ जाए तो मरीजों के लिए बेड़ की सुविधा कम पड़ जाती है। मजबूरी में जमीन पर ही लिटाकर उपचार करना पड़ता है।

हालत ये है कि इस शासकीय हॉस्पिटल में न एम्बुलेंस न ड्राइवर है। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन की मानें तो उन्होंने विधायक निधि से एक एम्बुलेंस देने की घोषणा करते हुए एम्बुलेंस भी देना चाही, लेकिन सीएमएचओ ने यह कहकर लेने से इनकार कर दिया कि उनके पास ड्राइवर नहीं है। मेंटेनेंस नहीं कर सकते, इसलिए एम्बुलेंस नहीं ले पाएंगे। इतना ही नहीं बाला बच्चन ने आरोप लगाया कि यहां से रेफर मरीज के परिजनों को डीजल भी जेब से डालवाना पड़ता है।

हॉस्पिटल में भाजपा शासन के बाद आज तक महिला चिकित्सक नहीं है न ही कोई स्पेशलिस्ट। हालांकि इस पूरे मामले में सीएमएचओ डॉ सिंगारे का कहना है कि जिले में 108 वाहन है जिनके माध्यम से मरीजों को सुविधा दी जा रही है। उन्होंने इस प्रकार की किसी भी समस्या से इनकार किया है। जमीन पर उपचार करवाते लोग सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल रही है।

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