पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बुधवार को पहली बार सुपेबेड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल, निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण के बाद वे पीड़ित क्षेत्रोपाल के घर पहुंचे. इसके बाद स्कूल के पास लगाए चौपाल में ग्रामीणों से रूबरू हुए. माइक थामते ही मंत्री जायसवाल ने कहा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और हमारी सरकार को सुपेबेड़ा के हर नागरिक की चिंता है. संवाद कर लोगों से समस्या सुना,उनका धैर्यता से जवाब भी दिया. फिर एक-एक करके सुविधाओं को बताते गए.
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पिछली सरकार ने क्या किया, क्या नहीं उस पर बात नहीं करेंगे. लेकिन अब जो बात करेंगे प्रमाणिकता के साथ करेंगे. ग्रामीण उस समय जब अवाक रह गए जब उन्हें पहले सुविधा दी गई दिखाई गई फिर एलान किया गया. मंत्री ने गांव पहुंचने से पहले ही गरियाबंद में सुपेबेड़ा स्पेशल वार्ड का शुभारंभ किया था. वहां तीन एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर कर चौथी एंबुलेंस अपने साथ ले कर पहूंचे. दो नेफ्रोलोजिस्ट और 5 चिकित्सकों का नियुक्ति आर्डर भी साथ लेकर आए थे. साथ ही देवभोग अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया. इन सुविधाओं को प्रत्यक्ष दिखाने के बाद मंत्री ने सुविधाओं की लिस्ट को आगे पढ़ा तो तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी.
मंत्री ने बताया की जल्द ही किडनी रोग पर अनुसंधान केंद्र खोला जा रहा है।पीड़ित ग्राम सुपेबेड़ा में सभी वयस्क की अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग और जेनेटिक जांच के लिए लेब की स्थापना और टीम के गठन का ऐलान किया. गांव में एक डाइट काउंसलर आज से नियुक्त किए गए जो ग्रामीणों को सेहत के अनुरूप खान पान की पूरी जानकारी देगा. एक कोआर्डिनेटर भी नियुक्त किए गए जो मरीज को किससे कब और कैसे निशुल्क इलाज मिलेगा उसकी गाइड करेगा. साथ ही अब से अटेंडर को भी फ्री भोजन दिया जायेगा. यह सुविधा सुपेबेड़ा के अलावा समीप के अन्य 7 गांव के लिए भी होगी. मंत्री ने यह भी अस्वस्त किया की जिस इलाज और दवा के लिए रायपुर का चक्कर लगाना पड़ता था अब नहीं लगाना पड़ेगा. गांव,ब्लॉक या तो जिले में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. किडनी फाउंडेशन की स्थापना भी की गई है जिससे किडनी पीड़ित को सहयोग मिलेगा.
जिले में नियुक्त नेफ्रो लोजिस्ट महीने में दो दिन ब्लॉक में दो दिन सुपेबेड़ा में सेवाए देंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीणों से खान पान में सुधार लाने की अपील करते हुए कहा कि ग्राम में सेवाए दे रहे स्वास्थ्य के सभी कर्मियों का सहयोग करने की अपील किया. उन्होंने कहा की सीएम साय की सरकार ने अब किडनी रोग को जड़ से खत्म करने की ठान लिया है. मंत्री ने मिल जुल कर काम करने का संकल्प भी दिलाया. मंत्री के साथ स्वास्थ्य सचिव, एनआरएचएम के डायरेक्टर कलेक्टर दीपक अग्रवाल, सीएमएचओ गार्गी यदु समेत डब्ल्यूएचओ के अफसर भी मौजूद थे.
ऐसा पहली बार हुआ, बाजे-गाजे के साथ ग्रामीणों ने किया स्वागत
पिछले 15 साल में किडनी पीड़ित ग्राम सुपेबेड़ा में कई मंत्री और वीआईपी का दौरा हुआ लेकिन आज जो हुआ अब तक नहीं हुआ था. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल जब राजिम विधायक रोहित साहू, पालक विधायक गोवर्धन मांझी समेत प्रदेश के आला अफसरों के साथ जैसे ही गांव पहुंचे ग्रामीणों ने पारंपरिक नृत्य, कीर्तन मंडली और कलश यात्रा के साथ मेहमानों को चौपाल मंच तक ले गए. स्वागत का ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिला. ऐसा भी पहली बार हुआ है जब किसी मंत्री ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने की बजाय अब तक ध्यान नहीं दी गई छोटी लेकिन जरूरी काम को पहले किया फिर बताया.
पॉलिटिकल माइलेज नहीं, निष्ठा से समाधान में जुटा हूं
मिडिया के एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सुपेबेड़ा की समस्या समाधान के लिए हम ईमानदारी से जुटे है. मैं हेलीकाप्टर के बजाए सड़क मार्ग से आया, जिले में सुविधा की नींव रख कर गांव और पीड़ित तक पहुंचा. मामले में हमे कोई पॉलिटिकल माइलेज नहीं चाहिए. अफसर, विशेषज्ञ, अनुसंधान की टीम मेरे साथ साथ है. इस किडनी की बिमारी को जड़ सहित मिटाने साय सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. लौट कर सीएम के समक्ष बाते रखूंगा, जो कमियां है जल्द दूर किए जाएंगे.
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