अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं. मानसिक स्वास्थ्य में आपका भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है. ये हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को दिखाता है. इसके अलावा यह भी निर्धारित करने में मदद करता है कि हम तनाव को कैसे संभालते हैं, दूसरों के प्रॉब्लम से कैसे रिलेट करते हैं और चुनाव करते हैं. हमारे बचपन से लेकर किशोरावस्था और वयस्कता तक जीवन के हर चरण में मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
CDC के अनुसार हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण होता हैं. उदाहरण के लिए, अवसाद कई प्रकार की शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है, विशेष रूप से लंबे समय तक चलने वाली स्थिति जैसे मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक. इसी तरह ही क्रोनिक बीमारियों की उपस्थिति मानसिक बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकती है.
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विश्व स्वास्थय संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है. इसमें एंग्जाइटी और डिप्रेशन डिसऑर्डर सबसे आम हैं. कई लोगों के पास इसके उपचार के लिए कोई बेहतर साधन होता ही नहीं है. जिसके कारण इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं. हमे बहुत से कारणों की वजह से मानसिक बीमारी हो सकती है. जैसे उतार चढ़ाव से भरा बचपन, बाल शोषण, यौन हमला, हिंसा देखना, आदि. वहीं कैंसर या मधुमेह, मस्तिष्क में जैविक कारक या रासायनिक असंतुलन, शराब या नशीली दवाओं का उपयोग और अकेलेपन या अलगाव की भावना होना इसका भी मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है.