पारादीप. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पोर्ट हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (PHO), पारादीप के एक अधिकारी डॉ. राजेंद्र नारायण पाणिग्रही को एमिनेंस शिपिंग एजेंसीज नाम की एक शिपिंग कंपनी के चालक दल के सदस्यों से रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. इसके बाद सीबीआई अधिकारियों ने डॉ. पाणिग्रही से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी की. Read More- ऑपरेशन अजय: ओडिशा के 7 समेत 212 भारतीय दिल्ली पहुंचे

सूत्रों के मुताबिक, पीएचओ केंद्र सरकार के अधीन काम करता है और डॉ. पाणिग्रही पीएचओ के अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. पीएचओ का मुख्य कार्य अन्य देशों से आने वाले लोगों को COVID क्लीयरेंस प्रमाणपत्र प्रदान करना है.

आरोपों के अनुसार, डॉ. पाणिग्रही प्रत्येक क्रू सदस्य से उक्त प्रमाणपत्र देने के लिए 1,500 से 2,000 रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे थे. कल उन्होंने एमिनेंस शिपिंग एजेंसियों के 70 क्रू सदस्यों से 1 लाख रुपए से अधिक की मांग की. जब क्रू मेंबर्स उन्हें 50,000 रुपए दे रहे थे, तभी सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया.

इसके बाद अधिकारियों ने बालासोर में उनके पैतृक घर, कटक में उनके आवास, पारादीप में उनके कार्यालय, जेबी कॉलोनी में उनके क्वार्टर और हाउसिंग कॉलोनी में उनके किराए के घर पर छापेमारी की. यह पता चला है कि छापेमारी कल शाम 4 बजे शुरू हुई और अभी भी जारी है.

अधिकारियों को अब तक उसकी एक करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति का पता चला है. उन्होंने भारी मात्रा में डॉलर, आयातित शराब और सिगरेट, हार्ड डिस्क और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं. 10 सदस्यीय टीम जहां डॉ. पाणिग्रही से पूछताछ कर रही है, वहीं अन्य अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं. यह आरोप लगाया गया है कि डॉ. पाणिग्रही सीओवीआईडी-19 के प्रकोप के बाद से चालक दल के सदस्यों से पैसे इकट्ठा कर रहे थे.

कल एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किए जाने के दौरान अपना गुस्सा जाहिर करने जा रहे कुछ क्रू सदस्यों ने डॉ. पाणिग्रही के साथ दुर्व्यवहार किया. हालांकि, उनकी चल और अचल संपत्ति का कुल मूल्य अभी तक पता नहीं चल पाया है क्योंकि छापेमारी अभी भी जारी है.