Health Risks of Old Footwear: जूते सिर्फ फैशन का हिस्सा नहीं होते, बल्कि ये पैरों की सेहत, चलने की मुद्रा (Posture) और रीढ़ की हड्डी तक के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालते हैं. अक्सर लोग अपने पसंदीदा और कम्फर्टेबल जूतों को सालों तक पहनते रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ही जूते को लंबे समय तक पहनना स्वास्थ्य के लिहाज़ से बिल्कुल भी सही नहीं होता?

आज हम जानेंगे कि जूते कितने समय में बदलने चाहिए और लंबे समय तक पुराने जूते पहनने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है.

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जूते कब बदलने चाहिए? जानिए सही समय (Health Risks of Old Footwear)

  • स्पोर्ट्स या रनिंग शूज़: अगर रोजाना पहनते हैं, तो हर 400–500 मील (600–800 किमी) के उपयोग के बाद, या लगभग 8–12 महीने में बदल देना चाहिए.
  • ऑफिस/फॉर्मल शूज़: नियमित इस्तेमाल होने पर हर 1.5 से 2 साल में बदलना ठीक रहता है.
  • बच्चों के स्कूल शूज़: बच्चों के पैर तेजी से बढ़ते हैं, इसलिए हर 6–12 महीने में जांचना और ज़रूरत पड़ने पर बदलना ज़रूरी है.
  • चप्पलें / स्लिपर्स: रोज़ाना इस्तेमाल होने पर 6–8 महीने में बदलना चाहिए.

पुराने जूते पहनने से हो सकते हैं ये नुकसान (Health Risks of Old Footwear)

  1. फुट आर्च पर असर: पुराने जूतों की कुशनिंग खत्म हो जाती है, जिससे फ्लैट फीट, एड़ी दर्द और थकान हो सकती है.
  2. पीठ, गर्दन और घुटनों में दर्द: घिसे जूतों के कारण गलत पोस्चर बनता है, जो शरीर के बाकी हिस्सों पर दबाव डालता है.
  3. ब्लिस्टर, कॉर्न और फंगल इंफेक्शन: जूते के भीतर पसीना और बैक्टीरिया जमा होने से त्वचा संक्रमण हो सकता है.
  4. फुट ओडर और अत्यधिक पसीना: इनसोल की स्थिति खराब होने से दुर्गंध और पसीना अधिक आता है.

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कैसे पहचानें कि जूते बदलने का समय आ गया है? (Health Risks of Old Footwear)

  • जूते की सोल घिस चुकी हो या एक ओर झुकी हो.
  • इनसोल की कुशनिंग खत्म हो गई हो.
  • जूते पहनने पर अब पहले जैसी आरामदायक फीलिंग न आए.
  • जूते से लगातार दुर्गंध आए, जो धोने के बाद भी न जाए.
  • चलने पर दर्द, जलन या खिंचाव महसूस हो.

पैरों की सेहत के लिए अपनाएं ये ज़रूरी टिप्स (Health Risks of Old Footwear)

  1. हर रोज़ एक ही जूते न पहनें, रोटेशन में उपयोग करें.
  2. जूतों को समय-समय पर धूप में सुखाएं और साफ़ करें.
  3. खेल और ऑफिस के लिए अलग-अलग जूते रखें.
  4. इनसोल को नियमित रूप से बदलें.

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