पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा. नक्सल प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. लेकिन स्वास्थ्य अमला हर चुनौती को पार कर अंदरूनी गांव तक पहुंच रहे हैं. बुधवार को जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर वहां के हालत को समझा जा सकता है. स्वास्थ्य हमला पहले कंधे पर दवाइयां और एक दूसरे का हाथ थामे नदी पार किया. फिर गांव में कैंप लगाया.

गौरतलब है कि समेली में स्थापित उपस्वास्थ्य केंद्र पोटाली के डॉक्टर अतीक अंसारी व उनका स्टाफ मलगेर नाले को पारकर मेडिकल कैम्प के लिए कुआकोंडा विकासखण्ड के रेवाली गांव निकले थे. नदी के तेज बहाव का जैसे तैसे मेडिकल टीम के डॉक्टर स्टाफ 3 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंची.

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत ग्राम रेवाली में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 65 मरीजों का इलाज किया गया. टीम का नेतृत्व सेक्टर प्रभारी डॉक्टर अतीक अहमद अंसारी द्वारा किया गया. साथ ही ग्रामीण मलेरिया स्वास्थ्य समिति का गठन किया गया. जिसमें गांव की मुखिया बैगा गुनिया को शामिल किया गया. गांव में मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग नीम के पत्ते का धुआं करना एवं गड्ढों को भरने का सुझाव दिया गया.

स्वास्थ्य टीम में अतीक अहमद अंसारी, प्रभारी सेक्टर अधिकारी बालमती नाग, आरएचओ एवं गोविंद चंद्रशेखर पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता गंगी मितानिन प्रशिक्षक मितानिन का विशेष सहयोग रहा.

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