अब तक आपने मानसून आने से पूर्व शहरों में नालियों की सफाई से लेकर नए नालियों के निर्माण तक को होता हुआ देखा है, ताकि मानसून आने से किसी भी प्रकार की समस्या आम लोगों को ना हो. लेकिन इन दिनों जिले में मानसून आने से पहले स्वास्थ्य अमला भी कुछ इसी तरह की तैयारियां कर रहा है.

दरअसल, बरसात में नदियों में पानी भरने की वजह से लोग मुख्यालय से कट जाते हैं. यही वजह है कि उस गांव के लोग मानसून को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. क्योंकि नदियों में पुल नहीं होने की वजह से छोटी-छोटी डोंगियों का सहारा लेना पड़ता है. बरसात के दिनों में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं से ग्रामीणों को वंचित रहना होता है. स्वास्थ्य व्यवस्था को बरसात से पहले दुरुस्त करने के लिए रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपनी पूरी टीम के साथ इन क्षेत्रों में निकले. ताकि मानसून आने से पहले इलाके के लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर बेहतर उपचार किया जा सके. दवाओं की कमी न हो.

नदी-पहाड़ पार कर पहुंच रहा स्वास्थ्य अमला

स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान किसी को अगर कोई बीमारी निकलती है और उसे जिला अस्पताल तक लाया जाना हो तो मानसून से पहले उनका बेहतर इलाज किया जा सकता है. स्वास्थ्य अमला स्वास्थ्य कीट और पूरी तैयारी के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों से होते हुए पहाड़ों-नदियों के रास्ते लोगों के घर घर पहुंच रहे हैं. सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. साथ ही उस क्षेत्र की एएनएम को उल्टी दस्त बुखार सर्दी खांसी जैसी बीमारियों का दवा का बॉक्स भी दिया जा रहा है. ताकि बरसात में अगर किसी भी प्रकार की दवाइयां नहीं पहुंच पाएंगी तो इन दवाओं का इस्तेमाल भी ग्रामीणों के लिए कर सकें.

कोंडागांव जिले की भंवरडीह नदी के दूसरे छोर पर दर्जन भर गांव बसे हैं. जो 4 महीने पूरी तरह उफान पर रहती है. जिसका बड़ा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ता है. लोग इन महीनों में झाड़ फूंक और बैगा गुनिया के सहारे निर्भर रहते हैं.

ग्रामीणों को दी जा रही दवाई के उपयोग की जानकारी

नदी पर पानी चढ़ने के पहले अब स्वास्थ्य अमला उन गांवों में जाकर एक-एक व्यक्ति की सेहत जांच रहा है. यही नहीं जरूरत पड़ने पर उन्हें वो तमाम दवाएं भी दी जा रही हैं जिनकी उन्हें जरुरत है. इसके लिए वहां की नर्स के साथ पढ़े लिखे युवाओं को भी दवा के नाम और उसे किस बिमारी पर देनी है ये समझाईश दी जा रही है. जिससे यदि वे बारिश में अस्पताल तक न भी आ सकें तो उसके लिए झाड फूंक बैगा गुनिया का सहारा नहीं लेना पड़ेगा.

सीएम ने की थी सराहना

6 जून को कोंडागांव जिले के बेडमा में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोंडागांव जिले में चल रही स्वास्थ्य सेवाओं की जमकर सराहना की और कहा की मुझे पता चला है कि कोंडागांव जिला अस्पताल में अन्य जिलों के साथ पड़ोसी राज्य के लोग भी इलाज करवाने आ रहे हैं. ये खुशी की बात है. ऐसे मे अगर मानसून से पहले इस तरह की तैयारी अगर स्वास्थ्य विभाग कर रहा है तो ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है.