Health Tips: लंबे समय तक कंप्यूटर के आगे एक जैसे पॉश्चर में बैठे रहने या फिर वर्क आउट की कमी की वजह से व्यक्ति के जॉइंट्स जाम होने लगते हैं. जिसकी वजह से व्यक्ति को फ्रोजन शोल्डर की समस्या हो सकती है. मेडिकल भाषा में इस समस्या के दौरान होने वाले दर्द को एडहेसिव कैप्सूलाइटिस कहा जाता है. यह दर्द धीरे- धीरे और अचानक शुरू होता है, जो बाद में पूरे कंधे को जाम कर देता है. शोल्डर की समस्या ज्यादातर 40 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों, खासतौर पर महिलाओं में आम होती है. फ्रोजन शोल्डर की समस्या होने पर कंधे की हड्डी को हिलाने में दिक्कत महसूस होती है.
फ्रोजन शोल्डर की तीन स्टेज
1. फ्रीज पीरियडः इस स्टेज पर कंधा फ्रीज या जाम होने लगता है. कंधे को घुमाना या मूव करना मुश्किल हो जाता है. जिसकी वजह से कंधे में तेज दर्द होने लगता है, जो अकसर रात में बढ़ जाता है.
2. असहनीय दर्दः इस स्टेज पर कंधे की स्टिफनेस बढ़ जाती है. जिससे कंधे में दर्द बढ़ने से उसकी गतिविधियां कम हो जाती हैं. हालांकि यह दर्द असहनीय नहीं होता.
3. सुधारः इस स्टेज पर महसूस होता है कि दर्द में सुधार आ रहा है. मूवमेंट भी थोड़ा सुधर जाता है, लेकिन कभी-कभी तेज दर्द हो सकता है.
राहत के लिए करें ये उपाय
कंधों की मसाज अवश्य करें. मसाज करने से प्रभावित स्थान का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता और दर्द से राहत मिलेगी. मालिश करने के लिए हल्का कुनकुना सरसों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं. कंधे के बल सोएं और प्रभावित कंधे की बगल के नीचे एक तकिया रखें. ऐसा करने से दर्द में आराम मिलेगा.
एक्सपर्ट जांच
कई बार फ्रोजन शोल्डर और अन्य दर्द के लक्षण समान लगने लगते हैं. ऐसे में समस्या से निजात पाने के लिए समय पर एक्सपर्ट से जांच करवाना आवश्यक है. तांकि समस्या के सही कारण का पता चल सके.
वर्कआउट
नियमित वर्कआउट करना बेहद जरूरी है. वर्कआउट में स्ट्रेचिंग और व्यायाम शामिल करने से कंधे की गतिशीलता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. जिससे दर्द में आराम मिलेगा.
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