जगदलपुर. जिला अस्पताल महारानी की स्वास्थ्य कर्मी ने अपने ही उच्च अधिकारी डॉक्टर के के नाग से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की कोशिश की है. हालांकि यह मामला बीते 6 महीनों से चलते आ रहा है. कई बार स्टाफ अपने उच्च अधिकारियों से शिकायत भी कर चुकी हैं. बावजूद शिकायत का कोई भी परिणाम सामने नहीं आया, जिससे मानसिक प्रताड़ित होकर स्वस्थकर्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस पीड़िता की बयान ले रही है. उसके साथ ही पुलिस की जांच भी जारी है. जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट होगा.

वहीं महारानी हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ संजय प्रसाद का कहना है कि, इस मामले की पूरी जांच की जाएगी. हालांकि कुछ दिन पहले यह मामला मेरे संज्ञान में आया था. लेकिन उसके बाद पूरी तरीके से माहौल हॉस्पिटल में स्मूद चल रहा था. अचानक यह होना समझ से परे है. इसकी पूरी जांच होने के बाद ही कुछ कहना उचित होगा.

पीड़ित पक्ष का कहना है कि लंबे समय से महारानी हॉस्पिटल के लैब में पदस्थ डॉक्टर केके नाग कुछ महिला स्टाफ को बुरी तरीके से प्रताड़ित कर रहे थे. काम से निकलवाने की धमकी भी लगातार उनके द्वारा दी जा रही थी. इसके अलावा महिला स्टाफ की इज्जत उछालने की बात भी डॉक्टर के के नाग के द्वारा की गई थी, जिससे प्रताड़ित होकर पीड़ित स्वास्थ्य कर्मियों ने महारानी हॉस्पिटल प्रभारी संजय प्रसाद को और बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार को भी इसकी शिकायत की थी. लेकिन कोई भी परिणाम नहीं निकलने की वजह से पीड़ित स्टॉफ में से एक लैब स्टाफ जिज्ञासा ने आत्महत्या करने की कोशिश की है.

हालांकि इस मामले में डॉ. संजय प्रसाद का कहना है कि, पेरासिटामोल की गोली एक साथ 4 से 5 की संख्या में खाने की वजह से यह स्थिति हुई है. मामले की जांच करने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा.

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