रायपुर। संविदा स्वास्थ्यकर्मी संघ ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए जनहित में कोविड सेंटर और कोविड अस्पतालों में इमरजेंसी वालेंटियर्स के रुप में कार्य करेगा। संविदा स्वास्थ्यकर्मी संघ ने इसे लेकर एनएचएम की मिशन संचालक को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि 13 हजार संविदा कर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। उनका आंदोलन जारी रहेगा और जनहित को देखते हुए वे बगैर किसी वेतन के हड़ताल में रहते हुए भी कोविड सेंटर और कोविड अस्पतालों में इमरजेंसी वालेंटियर्स के रुप में अपनी सेवाएं देंगे।

एन०एच०एम० कर्मचारी संघ ने यह निर्णय लिया है कि जितने भी हमारे कोविड अस्पताल एवं कोविड केयर सेंटर में किसी भी प्रकार का काम प्रभावित नहीं होगा हमारे समस्त कर्मचारी कटिद्ध है अपनी सेवायें देने के लिये जिस भी प्रकार से प्रशासन को हमारी चिकित्सकीय सेवाओं की आवश्यकता है जिससे कि कोविड अस्पताल में मरीजों के ईलाज में बाधा उत्पन्न न हो हम सहयोग देने के लिय तैयार है किंतु यह भी स्पष्ट है कि हम हड़ताल में रहकर वालेंटियर के रूप में अपनी सेवायें देंगे। इसके लिये शासन से हम किसी भी प्रकार का शुल्क या अपेक्षा नही रखते है।

सामूहिक त्यागपत्र देने तैयार

वहीं 24 घंटे के भीतर काम पर वापस लौटने अल्टीमेटम दिये जाने के मामले में संविदा स्वास्थ्य कंर्मी संघ के प्रदेशाध्यक्ष हेमन्त सिन्हा ने lalluram.com से बातचीत में कहा कि लगातार दो दिनों से चल रहे संविदा कर्मियों के हड़ताल से स्वास्थ्य विभाग चिकित्सीय व्यवस्था बनाने में असफल साबित हुई। अपनी विफलता छुपाने लगातार हम पर काम पर वापस लौटने का दबाव बनाया जा रहा है । हमें जेल में डालने की धमकी भी दी जा रही है। लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमारे सभी साथी सामूहिक त्याग पत्र देने को तैयार हैं लेकिन हम काम पर नही लौटेंगे । जब तक हमारी नियमिति करण की मांग पूरी नही होती ।

उन्होंने आगे बताया कि छतीसगढ़ जनता की हित को ध्यान में रखते हुए हमारे कुछ डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड सेंटर और कोविड हॉस्पिटल में इमरजेंसी वालेंटियर के रूप में अपनी सेवाएं देंगे । जिसका हम वेतन भी नहीं लेंगे बाकी सभी संविदा कर्मी आन्दोलनरत रहेंगे ।