आगरा. कहा जाता है कि मुगल शासक शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था. लेकिन इसको लेकर अब विवाद चल रहा है. विवाद ऐसा कि ताजमहल को तेजोमहल कहा जा रहा है. योगी यूथ ब्रिगेड ने एक याचिका दायर कर कहा है कि ताजमहल में कलश पर त्रिशूल, चंद्रमा कमल, नारियल और आम के पेड़ की पत्तियों के प्रतीक चिन्ह पाया गया है. त्रिशूल भगवान शिव का चिह्न है. ऐसे में सावन महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने की मांग की है. जिस पर अदालत में शुक्रवार को सुनवाई होगी.
बता दें कि ताजमहल और तेजोमहालय को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड ने अदालत में एक वाद दायर किया है. जिसकी सुनवाई शुक्रवार यानी 16 अगस्त को होनी है. यूथ ब्रिगेड ने ताजमहल में भगवान महादेव के मंदिर में भी जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग की है.
मुमताज की कब्र है ही नहीं
दरअसल, योगी यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष का दावा है कि 1212 में राजा पर्मादिदेन ने यमुमा नदी के किनारे शिव मंदिर बनवाया था. जिसका नाम तेजोमहल था. जिसके बाद मुगल शासन में शाहजहां ने तेजोमहल को हड़पकर ताजमहल का निर्माण कराया था. इतना ही नहीं दावा तो ये भी किया है कि तेजोमहल में मुगल शासक शाहजहां और मुमताज की कब्र है ही नहीं. जबकि मुमताज का निधन तो 1631 में हुआ है और ताजमहल को बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ था.
ताजमहल या तेजोमहल की लड़ाई में योगी यूथ ब्रिगेड का पक्ष रख रहे अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर का कहना है कि ताजमहल की दीवारों पर कलश, त्रिशूल, कमल, नारियल के प्रतीक चिन्ह पाए गए हैं. जिसका सनातन धर्म में महत्व है. उन्होंने कहा- तेजोमहालय हिंदू मंदिर है. सावन के महीने में जलाभिषेक होना चाहिए.
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