वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में कोई आदेश आता है, तो इसकी जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता दोबारा यहां आए, फिर मामले में सुनवाई की जाएगी.
बता दें कि स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती पर आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन की जनहित याचिका लगाई थी, मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जिस पर हाईकोर्ट की डीविजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी.
आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है, कि प्रदेश के स्कूलों में राज्य सरकार स्पेशल एजुकेटर नियुक्त नहीं कर रही है. 60 हजार से ज्यादा विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में 2021 तक सिर्फ़ 888 विशेष शिक्षक ही थे. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की जरुरत है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया, कि यही मामला सुप्रीम कोर्ट दायर किया गया है. जिसमें सभी राज्य सरकारों को स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने का निर्देश जारी किया था. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले देशभर के राज्य सरकारों को स्पेशल एजुकेटर टीचर्स रखने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब तक राज्य सरकार द्वारा स्पेशल टीचर्स की भर्ती नहीं की गई है. जिससे स्पेशल बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है.
ज्ञात हो, कि आरटीई एक्ट में प्रावधान है कि पहली से आठवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए 10 बच्चों के पीछे एक स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति होगी. जो कराएंंगे. वहीं कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 15 बच्चों के पीछे एक स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति अनिवार्य है.
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