हेमंत शर्मा, इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दाखिल की गई याचिका की सुनवाई हुई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राम मंदिर निर्माण के चंदे की आड़ लेकर इंदौर, मंदसौर और उज्जैन में सांप्रदायिक हिंसा की गई। मुस्लिम परिवारों के घरों में तोड़फोड़ की गई उनके साथ मारपीट की गई।
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मामले में जिस तरह से एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी, उस तरह से दर्ज नहीं की गई। याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह ने राज्य शासन को डीजीपी और मुख्य सचिव के माध्यम से अवगत कराया गया। लेकिन उसके बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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दिग्वजिय सिंह ने याचिका में मांग की है कि जो परिवार इस हिंसा के शिकार हुए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। भविष्य में ऐसी वारदातें न हों इसके संबंध में अधिकारियों को कोर्ट द्वारा दिशा निर्देश दिया जाए। मामले में होईकोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव के अलावा इंदौर, उज्जैन और मंदसौर के कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर उनसे 6 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
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