Land For Job Case: बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव आते ही एक बार फिर से लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल आज गुरुवार (30 जनवरी) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई होनी है. इससे पहले 16 जनवरी और 23 दिसंबर को सुनवाई टल गई थी, क्योंकि कोर्ट ने एक रेलवे अधिकारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी. इस केस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं.

सभी आरोपियों को मिली थी जमानत

बता दें कि इससे पहले लैंड फॉर जॉब मामले में 7 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई थी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. साथ ही सभी से पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश दिया था. वहीं, 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी. जबकि तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी.

नौकरी के बदले जमीन का मामला

आपको बता दें कि यह पूरा मामला रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने से जुड़ा हुआ है. इसमें लालू परिवार के अलावा कुछ कंपनियों के भी शामिल होने की बात सामने आई हैं. इन कंपनियों के नाम मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव समेत उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव भी इस मामले में आरोपी हैं.

लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुआ था घोटाला

यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है. उस समय लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को गुपचुप तरीके से रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी दी और इसके बदले उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीनें लिखवा लिया.

2021 में शुरू हुई थी जांच

लालू यादव पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई. वहीं, तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये का बंगला बेहद सस्ते दाम में खरीदा था, जो कथित रूप से रेलवे में नौकरी पाने वाले एक उम्मीदवार से लिया गया था.

जांच एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवाई. ये प्लॉट्स नाममात्र की कीमत पर नकद भुगतान कर खरीदे गए. इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू हुई और बाद में इसे आधिकारिक केस में बदल दिया गया.

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