नईदिल्ली.केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. आज की सुनवाई के दौरान इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने को लेकर दलीलें दी जाएंगी. इससे पहले कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को 10% आरक्षण की व्यवस्था पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए मामले को 28 मार्च तक के लिए टाल दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने 50% की सीमा को संविधान के मूल संरचना का हिस्सा बताया था. इस मामले की सुनवाई संवैधानिक बेंच के सामने करने की मांग की थी. जिसके बाद जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा था कि वह मुद्दे को बड़ी पीठ को भेजने पर विचार करेगी.
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए संसद में जनवरी में कानून पास करवाया था. 14 जनवरी से इसे लागू कर दिया गया था और इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने यहां इस कानून को पास कर दिया है.
इससे पहले कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को 10% आरक्षण की व्यवस्था पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए मामले को 28 मार्च तक के लिए टाल दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने 50% की सीमा को संविधान के मूल संरचना का हिस्सा बताया था. इस मामले की सुनवाई संवैधानिक बेंच के सामने करने की मांग की थी. जिसके बाद जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा था कि वह मुद्दे को बड़ी पीठ को भेजने पर विचार करेगी.
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए संसद में जनवरी में कानून पास करवाया था. 14 जनवरी से इसे लागू कर दिया गया था और इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने यहां इस कानून को पास कर दिया है.