बिलासपुर। हाईकोर्ट में आज एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की बेंच बिलासपुर में भी बनाने की मांग लेकर लगी याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले में केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बीलासपुर में ट्रिब्यूनल की मांग के साथ उसके सुनवाई की समय सीमा के नियम को चुनौती दी गई है. किसी परियोजना में पर्यावरण को लेकर आपत्ति का अधिकार आम आदमी को है, लेकिन इसमें समय 90 दिन की समय सीमा तय कर दी गई है. ये काननू संविधान के नियमों के विपरीत है. इसलिए इसमें संसोधन की आवश्यकता है.

याचिका में एनजीटी एक्ट 2010 के धारा 16 के उस प्रावधान की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है. जिसके अनुसार एनजीटी में अपील दायर करने की निर्धारित समय सीमा किसी भी आदेश के सार्वजनिक होने के बाद केवल 30 दिन की है. यहां तक कि 30 दिन के बाद 60 और दिनों तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस देरी को माफ कर अपील को सुन सकता है, लेकिन 90 दिनों के बाद इन आदेशों के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती है.