कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर की ऐतिहासिक स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने से जुड़ी महत्वपूर्ण जनहित याचिका पर आज ग्वालियर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान याचिकाकर्ता एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया ने नगर निगम सहित नदी के पुनर्जीवित करने से जुड़े अन्य विभागों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए। जिस पर हाईकोर्ट ने अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई में संबंधित सभी विभागों से रिपोर्ट तलब की है।

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सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि, स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए निजी कंपनी ने जो डीपीआर तैयार की है, उसके सत्यापन का जिम्मा मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी को दिया गया है। निगम भोपाल के मैनिट संस्थान को इस काम के लिए 17.70 लाख रुपए का भुगतान करेगा। इस काम के होने से स्वर्ण रेखा नदी का पुनर्जीवित से जुड़ा काम बेहतर हो सकेगा।

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इसके साथ ही इसमें साफ पानी बहने की संभावना बढ़ जाएगी। बता दें कि साल 2019 में विश्वजीत रतोनिया ने स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका दायर की थी।

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