बिलासपुर. प्रदेश में बढ़ती गंभीर बीमारी डेंगू और स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था नहीं होने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई थी. जिस पर बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद हेल्थ सेक्रेटरी को निर्देश देते हुए कहा कि वह मौके पर जाकर निरीक्षण करे और देखे कि प्रचार प्रसार सहित बीमारी से निपटने क्या-क्या व्यवस्था की गई है. डेंगू और स्वाईन फ्लू सेंटर मामले में हेल्थ डायरेक्टर, हेल्थ सेक्रेटरी, सीएमएचओ बिलासपुर और सिम्स के सीनियर डॉक्टर रमणेश मूर्ति हाईकोर्ट में उपस्थित हुए और जवाब प्रस्तुत कर कहा कि दोनों में काम चल रहा है. मामले में कोर्ट ने कहा कि सभी 28 अक्टूबर तक शपथपत्र में अपना जवाब प्रस्तुत करें. कोर्ट अगर जवाब से संतुष्ट नहीं होगा तो दोबारा उन्हें फिर से कोर्ट में उपस्थित होना पड़ सकता है.
बिलासपुर निवासी चंद्रमौली बाजपेयी ने प्रदेश में गंभीर बीमारी स्वाइन फ्लू और फैलने वाली महामारी से होने वाली मौत व इसके जांच व उपचार की कोई व्यवस्था नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के भयावह स्थिति को लेकर रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में इस बीमारी ने गंभीर रूप धारण किया है. इसके उपचार के लिए अस्पताल में पर्याप्त दवा व जांच की व्यवस्था भी नहीं है. इस बीमारी से पीड़ित के सैंपल को जांच के लिए जगदलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है. यहां अधिक सैंपल आने के कारण पुणे और दिल्ली भेज दिया जाता है. वहां से जांच रिपोर्ट आने में 14 दिन का समय लगता है.
याचिका में कहा गया कि रिपोर्ट में देरी होने की वजह से पीड़ित को सही इलाज नहीं मिल पाता है. याचिका में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू जांच की व्यवस्था करने की मांग की गई है. पीड़ित के रक्त परीक्षण कर जल्द से जल्द रिपोर्ट मिलने के साथ सही उपचार प्रारंभ किया जा सकता है. बिलासपुर में भी जगदलपुर कि तरह टेस्ट सेंटर खोलने की मांग की गई. अब मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी.