कुमार इंदर, जबलपुर। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी पर प्रतिबंध को लेकर आज फिर सुनवाई होगी। आज तय होगा कि सिमी पर प्रतिबंध जारी रखना है या नहीं। SIMI ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। कल गुरुवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से पक्ष रखा गया था। आज सिमी की ओर से लड़ रहे वकील अपना पक्ष रखेंगे।

गुरुवार को सिमी पर प्रतिबंध को लेकर बनाए गए ट्रिब्यूनल में सुनवाई हुई। जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की कोर्ट में करीब चार घंटे तक सुनवाई चली। इस दौरान सरकार ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सिमी से संबंधित जो सदस्य है, उनकी गतिविधियां अभी भी जारी है। इसलिए किसी भी तरह से सिमी पर लगा प्रतिबंध अभी ना हटाते हुए इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए। देश के कई शहरों में अभी भी सिमी की गतिविधि जारी है। शासन ने सिमी के प्रतिबंध को लेकर कई अहम सबूत भी कोर्ट के समक्ष रखे हैं।

सिमी पर प्रतिबंध को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई: सरकार ने रखा अपना पक्ष, कई अहम सबूत किए पेश

वहीं सिमी की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट नईम खान का कहना है कि शुक्रवार को जब सुनवाई होगी तो हम भी अपना पक्ष रखेंगे। अधिवक्ता नईम खान ने बताया कि बीते कुछ सालों से सिमी के खिलाफ किसी भी जिले में अपराध दर्ज नहीं हुआ है। उनका कहना है पिछले कुछ वर्षों में सिमी की कोई भी एक्टिविटी नहीं देखने को मिली। जिससे साफ जाहिर होता है कि सिमी का जो संगठन है वो पूरी तरह से खत्म हो चुका है। लिहाजा उस पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की जाएगी। नईम खान का कहना है की शासन के पास अगर कोई सबूत हो तो वो यह भी बताए कि बीते सात आठ सालों में किस जिले में सिमी के खिलाफ कार्रवाई कर FIR दर्ज की गई है।

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गौरतलब है कि इस मामले में सुनवाई के लिए विशेष ट्रिब्यूनल बनी है। सिमी संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं, जस्टिस कौरव इसका परीक्षण करेंगे। आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने सिमी संगठन का प्रतिबंध पांच वर्ष के लिए बढ़ाया था।

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