अमृतसर. पंजाब में अप्रैल के महीने में बढ़ती गर्मी और हीटवेव के कारण बिजली की खपत में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी देखी जा रही है। सोमवार को बिजली की कुल खपत पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई, जो एक नया रिकॉर्ड है। 7 अप्रैल को राज्य में 144 मिलियन यूनिट बिजली की खपत दर्ज की गई।
अप्रैल के पहले सात दिनों की बात करें तो बिजली की खपत में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सोमवार को अधिकतम बिजली मांग 8,005 मेगावाट रही, जो इस महीने की अब तक की सबसे ऊंची मांग है। पिछले साल 7 अप्रैल को यह मांग 6,984 मेगावाट थी, यानी इस बार 15 प्रतिशत ज्यादा रही।


तकनीकी खराबी से 1140 मेगावाट की आपूर्ति बाधित
गर्मी के मौसम की शुरुआत से पहले ही राज्य के कई थर्मल पावर प्लांटों में तकनीकी दिक्कतें सामने आई हैं। फिलहाल तीन यूनिट बंद हैं, जिससे कुल 1140 मेगावाट बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा है।


इनमें लहरा मोहब्बत थर्मल पावर स्टेशन की 210 मेगावाट की यूनिट नंबर 1 और निजी क्षेत्र की तलवंडी साबो थर्मल पावर स्टेशन की 660 मेगावाट की यूनिट नंबर 2 तकनीकी खराबी के चलते बंद है। वहीं गोइंदवाल थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट नंबर 2 को मरम्मत के लिए अस्थाई रूप से बंद किया गया है।
लहरा यूनिट 20 अप्रैल तक दोबारा चालू हो सकती है, हालांकि हीटवेव पहले ही शुरू हो चुकी है।


कोयले के स्टॉक पर नजर


तलवंडी साबो थर्मल पावर स्टेशन, जिसकी उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट है, वहां सिर्फ 11 दिन का कोयला स्टॉक बचा है। नियमानुसार यह स्टॉक 27 से 28 दिनों का होना चाहिए।

  • बाकी पावर स्टेशनों में कोयले की स्थिति संतोषजनक है
  • रोपड़: 84 दिन
  • लहरा मोहब्बत: 85 दिन
  • गोइंदवाल: 54 दिन
  • राजपुरा थर्मल: लगभग 52 दिन

ट्रांसमिशन क्षमता में भी बढ़ोतरी


पावरकॉम ने दावा किया है कि गर्मी और धान के सीजन के दौरान बिजली की मांग पूरी करने के लिए तैयारियां पूरी हैं। इस बार 1000 मेगावाट तक की बिजली कम समय के खरीद समझौतों के तहत खरीदी जा सकती है।
इसके साथ ही उपलब्ध ट्रांसमिशन क्षमता (ATC) को 9500 मेगावाट से बढ़ाकर 10400 मेगावाट कर दिया गया है। पावरकॉम लगभग 10,000 मेगावाट बिजली बाहर से खरीदेगा, जबकि खुद की 6000 मेगावाट बिजली उत्पादन की भी योजना है।