सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर- राजधानी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित रेडक्रॉस सोसाइटी के मेडिकल स्टोर में मरीजों से खुलेआम लूट हो रही है. एक ही दवाई को रेडक्रॉस के दो मेडिकल स्टोर में अलग-अलग दामों में बेचा जा रहा है, और जिम्मेदारी अधिकारी गहरी नींद में है. जब मामले को संज्ञान में लाया गया, तब निर्वाचन ड्यूटी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया.
ओमे प्रोजॉल जो एसीडीटी के लिए होता है, इस दवाई को रायपुर के दो बड़े अस्पताल मेकाहारा और कालीबाड़ी स्थित जिला अस्पताल के रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर में अलग-अलग मूल्य में मरीजों को दिया जा रहा है, जबकि दोनों की सेम बेच, सेम एक्सपायरी डेट है.
मामला प्रकाश में तब आया, जब सर्वजीत सेन ने दोनों जगह से ये दवा खरीदी. जिला अस्पताल के रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर में 20 गोली 30 रुपए में दी गई, वहीं मेकाहारा में 40 गोली 50 रुपए में दी गई. जब एक ही जिले के एक संस्थान के दो दुकानों में अलग-अलग दर में दवा बेची जा रही है, तो स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाना लाज़मी है. मेकाहारा रेडक्रास में बताया कि एक गोली 1.25 पैसे की है. दोनों स्टोर में खरीदी गई दवाई में 10 रुपए का अंतर आ रहा है. जानकारी के मुताबिक दोनों ही स्टोर में सही कीमत पर दवाई नहीं बेची जा रही.
इस मामले पर जिला अस्पताल के अधीक्षक रवि तिवारी ने कहा कि जो गड़बड़ी की जा रही है, इसकी शिकायत जिला चिकित्सा अधिकारी से की जाएगी. जिला अस्पताल में इस दवाई की खपत महीने में 25 से 30 हजार है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों से भारी लूट हो रही है.
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. केआर सोनवानी ने बताया कि इस गोली की खपत मेकाहारा में 30 से 35 हजार है, और जिले में एक माह में 12 लाख की खपत है. 2015 में कलेक्टर द्वारा तय दर के अनुसार 30 प्रतिशत मार्जिन रखा जाता है. रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर में हो रही अनिमिताओं की जानकारी लल्लूराम डॉट कॉम के माध्यम से संज्ञान में आया है, जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
रायपुर नर्सिंग होम के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने इस गड़बड़ी को सोची समझी साजिश बताया है, क्योंकि मरीज खुद में परेशान होता, उन्हें मूल्य की जानकारी नहीं होती है, उन्हें आभास नहीं होता कि उनको लूटा जा रहा है. मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए.