राजधानी और आसपास के इलाकों में सोमवार सुबह हुई तेज बारिश से मौसम सुहाना जरूर हुआ, लेकिन हालात चिंताजनक भी बने हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों के लिए अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है। सोमवार सुबह (1 सितंबर) को यमुना का स्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया, जबकि चेतावनी स्तर 204.5 मीटर और खतरे का स्तर 205 मीटर है। मौसम विभाग के मुताबिक लगातार हो रही बारिश और पड़ोसी राज्यों से छोड़े जा रहे पानी के चलते हालात और बिगड़ सकते हैं। सरकार और संबंधित एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए ऑरेंज अलर्ट और अन्य इलाकों के लिए येलो अलर्ट लागू है। मंगलवार को भी हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। यह चेतावनी ठीक उस समय आई है, जब बीते दिन गाजियाबाद में रेड अलर्ट और नोएडा में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया था। दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे का निशान पार कर चुका है। हालात की सबसे बड़ी वजह लगातार हो रही भारी बारिश और हरियाणा व दिल्ली के बैराजों से छोड़ा जा रहा पानी है।
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब 53,950 क्यूसेक और दिल्ली के वज़ीराबाद बैराज से लगभग 51,210 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। आमतौर पर बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है, लेकिन इस बार पानी की मात्रा अधिक होने के कारण स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार (1 सितंबर) को दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी दी है। यदि अगले 48 घंटों में बारिश तेज हुई, तो यमुना का जलस्तर और ऊपर जाने की आशंका है।
206 मीटर पर लोगों की शिफ्टिंग
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। जैसे ही यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचेगा, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारी बारिश जारी रही तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।
अगस्त रहा सबसे ठंडा और सबसे ज्यादा बरसात वाला महीना
दिल्ली में अगस्त का महीना इस बार खास रहा। राजधानी में पूरे महीने 400.1 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य 233.1 मिमी से 72% ज्यादा है। मौसम विभाग का कहना है कि यह अगस्त 13 सालों में सबसे ठंडा साबित हो सकता है। सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। अगर यह रुझान जारी रहा तो इस साल दिल्ली की वार्षिक वर्षा 1,000 मिमी का आंकड़ा पार कर सकती है।
प्रदूषण स्तर और जनजीवन
बारिश का फायदा हवा की गुणवत्ता पर भी देखने को मिला। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 31 अगस्त को शाम 4 बजे दिल्ली का AQI 79 दर्ज किया गया, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है। हालांकि, मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है, क्योंकि भारी बारिश से जलभराव और यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। 1 सितंबर को दिल्ली का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
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