मध्य प्रदेश में शहर शहर बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। प्रदेश में हो रही लगातार बारिश जमकर तबाही मचा रही है। कई जिलों नदी नाले उफान पर है। बाढ़ जैसे हालात है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल के कई इलाकों में जलभराव हो गया। कई कॉलोनियों में 2 से 3 फीट तक पानी भर गया है। लगातार बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। सड़क में गड्ढे और गड्ढे में पानी के कारण गाड़ियां फंस रही है। लोग गाड़ियों को धकेलते हुए नजर आ रहे है।

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शुभम जायसवाल, राजगढ़। जिले के ब्यावरा के सुठालिया रोड पर स्थित तीन मंजिला इमारत ढह गई। तेज बारिश के चलते मकान में दरार आई थी। मंगलवार की सुबह ही मकान को खाली करा दिया गया था। मकान गिरने की सूचना पर प्रशासन, पुलिस और नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंची। निचला हिस्सा गिरने पर ऊपर की दो मंजिल आधे हिस्से पर टिक गया। फिलहाल मकान के आसपास बैरिकेड्स लगाए गए है।

आकाश तिवारी, कुरवाई (विदिशा)। मंगलवार रात 12 बजे से हो रही मूसलाधार बारिश कुरवाई में मुसीबत बन गई। कुरवाई विकासखंड पूरी तरह जलमग्न हो गया। बेतवा नदी, क्योटन नदी और बीना नदी उफान पर है। हालत ऐसे बन गए है कि कुरवाई का संपर्क चारों ओर से टूट गया है। कुरवाई में बेतवा नदी लगभग पुल से 08 फीट ऊपर है, जिससे कुरवाई का संपर्क सिरोंज विकासखंड, गंजबसौदा विकास खंड और अशोकनगर जिले से टूट गया है। वहीं बीना नदी लगभग 10 फीट ऊपर बह रही है, जिससे कुरवाई- मंडी बामोरा का संपर्क खुरई, सागर से टूट गया है।

आरिफ शेख, श्योपुर। जिले में भी बाढ़ जैसे हालत है। बडौदा नगर में अस्पताल से लेकर सड़कों और घरों में पानी भर गया। विजयपुर बस स्टैंड और उसके आसपास की दुकानों में पानी भरा अर्रोद गांव के कई घरों में क्वारी नदी का पानी घुस गया है। श्योपुर बारां और सवाईमाधोपुर के रास्तों पर आवागमन बंद हो गया है। सुंडी और सांढ गांव टापू बना, वहीं प्रशासन रातभर अलर्ट मोड पर रहा। कलेक्टर अर्पित वर्मा कई इलाकों में हालात देखने पहुंचे। उन्होंने लोगों से नदी नालों के आसपास नहीं जाने की अपील की है। साथ ही अफवाह पर ध्यान न देने की बात कही है।

श्योपुर की शीप नदी उफान पर होने के चलते मानपुर गांव में भी बाढ़ जैसे हालत है। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी भर गया है। जिससे 12 मरीज अस्पताल में फंस गए। हालांकि एसडीआरएफ टीम ने सभी का रेस्क्यू कर लिया है।

अनिल सक्सेना, रायसेन। जिले में बारिश बाढ़ के बीच 200 से अधिक मजदूर फंस गए। बताया जा रहा है कि कटनी से धान लगाने आए थे। इनमें छोटे बच्चे भी शामिल है। सूचना पर प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और सभी मजदूरों महिलाओं बच्चों का रेस्क्यू किया। फिलहाल सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

रायसेन में बारना बांध के 8 गेट खोल दिए गए है। 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे बरेली की निचली बस्ती होली चोक के घरों में पानी भर गया। रहवासियों को राहत कैम्प में शिफ्ट किया गया है। बेगमगंज, सिलवानी, उदयपुरा समेत जिलेभर में राहत कैम्प बनाये गए है। बरेली छिंदवाड़ा मार्ग बंद है। बोरास नर्मदा नदी के पुल पर पानी आने से उदयपुरा गाडरवारा मार्ग भी बंद है।

एसआर रघुवंशी, गुना। जिले में मूसलाधार बारिश से जनजीवन ठप हो गया है। पुल ढह गए, घर-स्कूल डूब चुके है। वहीं प्रशासन अलर्ट पर मोड पर है। बमोरी में मिल्ट्री 2 यूनिट बमौरी और कलेरा तैनात किए। स्कूलों में तीन दिन की छुट्टी घोषित की गई है। कंट्रोल रूम से हर इलाके की निगरानी हो रही है। राहत कार्य जारी है। वहीं लोगों से अपील है कि नदी, नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहे। इधर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीनों जिलों के हालत को जाना और अलर्ट रहने के निर्देश दिए है।

कुमार इंदर, डिंडोरी/जबलपुर। डिंडोरी में देर रात बारिश से बुढनेर नदी उफान पर है। समनापुर से गौराकन्हारी जाने वाला मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल उफनती नदी पार कर रहे हैं। बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।

इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। नर्मदापुरम में नर्मदा नदी डेंजर लेवर से दो फीट नीचे बह रही है। तवा बरगी और बरना डैम से पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीम तैनात है। नर्मदा और तवा नदी के नजदीक न जाने की अपील की गई है।

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