रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के अलग- निज़ाम वही अच्छा समझा जाता है जो अपनी अवाम को समझे। जो उनकी तकलीफों में खड़ा रहे। उनकी तकलीफों को दूर करने की भरसक कोशिशें करते रहे। कोरोना ने जब से राज्य में दस्तक दी है तब से कोरोना से लड़ने और कोरोना से पैदा हुए देशव्यापी संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई फैसले लिए है । इन फैसलों को राज्य की अवाम किस नज़र से देख रही है। फैसलों से उन्हें कितना निजात मिला है। ये जानने के लिए छत्तीसगढ़ के मुखिया ने खुद लोगों को फ़ोन लगाए। उनका हाल ए दिल जाना.

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले किसान, मजदूर, नर्स, ग्रामीण, सफाईकर्मी, सब्जी दुकानदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला सरपंच से बातचीत की.

मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले की ग्राम पंचायत जूजगु की महिला सरपंच कुंती बनवासी से फोन पर पूछा कि उनकी ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकान से राशन मिलना शुरू हुआ है या नहीं। कुंती ने बताया कि दो माह के राशन का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। लोगों को घर पंहुचाकर चावल दिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि राशन पंहुचाते समय यह भी ध्यान रखें कि ज्यादा भीड़-भाड़ ना हो.

मुख्यमंत्री ने स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन की सामग्री और आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषण आहार वितरण के संबंध में भी पूछा। मुख्यमंत्री ने सरपंच से यह ध्यान रखने के लिए कहा कि गांव में कोई भूखा न सोए। कुंती ने बताया कि गांव में तीन ऐसे लोग हैं जिनके राशनकार्ड नही बने हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों को ग्राम पंचायत में रखे गए दो क्विंटल चावल में से चावल देने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर चावल खत्म हो जाए तोे अतिरिक्त चावल अधिकारियों से बोलकर प्राप्त कर लें। बघेल ने गांवों में साफ-सफाई का ध्यान रखने और यदि गांव में किसी के कोरोना संक्रमण होने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। बघेल ने गांवों में खेती किसानी के काम और दुग्ध उत्पादन की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। बघेल ने कहा कि सरकार पूरी तरह जनता के साथ है और हर संभव मदद करेगी। कुंती ने मुख्यमंत्री को उनकी ग्राम पंचायत जूजगु आने का न्यौता दिया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का फोन भिलाई 3 के एकता नगर, वार्ड 8 के निवासी साईकल एवं पंचर सुधारने वाले श्रमिक अशोक कटाने के पास भी आया.

मुख्यमंत्री ने अशोक से कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों का कुशल-क्षेम जानने वे फोन से संपर्क कर रहे हैं। इस परिस्थिति में शासन द्वारा लोगों को संकट से उबारने अनेक कदम उठाये गए हैं। इनका लाभ उन्हें किस तरह से मिल रहा है। यह जानने फोन किया है.

अशोक ने मुख्यमंत्री को बताया कि जैसे ही लॉक डाउन हुआ, निगम के अधिकारी उनसे मिले और कहा कि आप घर में रहें। यदि खाने-पीने का संकट हो तो बताएं। निगम द्वारा स्वयं के स्तर पर भी और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी इसकी व्यवस्था की जा रही है। अशोक ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य सरकार द्वारा 2 महीने का चावल उचित मूल्य दुकान में उपलब्ध कराया गया है। इसे कल जाकर लेना है। अशोक ने बताया कि प्रशासन द्वारा एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। उन्हें राशन तथा लंच पैकेट दिलवाए जा रहे हैं। सभी आश्वस्त हैं कि इतनी अच्छी व्यवस्था से लॉक डाउन का समय काटने में दिक्कत नहीं होगी.

मुख्यमंत्री ने अशोक को भरोसा देते हुए कहा कि सरकार आपकी पूरी मदद करेगी। आप सभी को आश्वस्त करूँ इसलिए फोन लगाया है। अशोक ने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा, जब प्रदेश के मुखिया का फोन आया। इससे उन्हें बहुत संबल मिला है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आंगनबाड़ियों के बच्चों का हाल चाल जानने के लिए दंतेवाड़ा जिले के चूड़ी टिकरा की कार्यकता शीला देवी को फोन लगाया। मुख्यमंत्री का फोन आने पर शीला ने प्रसन्नता जाहिर की। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि अभी आंगनबाड़ी बंद है, तो बच्चों को भोजन कैसे मिल रहा है। शीला ने बताया कि वे घर-घर जाकर बच्चों को पौष्टिक आहार वितरित कर रहे हैं। बच्चों के पोषण की स्थिति ठीक है.

बघेल ने उनसे यह भी पूछा कि अभी आप लोग क्या काम कर रहे हैं। शीला ने बताया कि वे लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए साबुन से बार-बार हाथ धोने, लोगों को तीन फीट की दूरी बनाए रखने की समझाईश दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने उनकी सराहना की और कहा कि लोगों को कोरोना से बचाव की जानकारी तो दें और यह भी बताए कि बचाव में ही सुरक्षा है। बघेल ने शीला को अपने काम के दौरान अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि गांव में लोग क्या काम रहे हैं। शीला ने बताया कि लोग घरों में ही रहते हैं। वे लोगों को यह भी बता रहे हैं कि बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें.

मुख्यमंत्री ने आज बिलासपुर के त्रिवेणी भवन में ठहरे श्रमिक युसुफ खान से भी मोबाईल पर बात की। मुख्यमंत्री ने श्री युसुफ खान से रहने, खाने, पीने और अन्य सुविधाओं की जानकारी ली.

युसुफ खान ने बताया कि उन्हें खाने, पीने, रहने की कोई समस्या नहीं है, यहां जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा सभी व्यवस्था की गई है। सवेरे, शाम चाय-नाश्ते के साथ ही दोपहर एवं शाम का भोजन दिया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है.

यूसुफ ने मुख्यमंत्री से अपने गांव जाने की इच्छा जताई। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन बहाल होने के बाद तत्काल उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी। युसुफ खान ने छत्तीसगढ़ में उनके लिए की गयी व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है.

युसुफ खान नादिया पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। वे भवन निर्माण में सेट्रींग का कार्य करते है। वे काम करने के लिये केरल गये थे। कोरोना वायरस के कारण केरल से पश्चिम बंगाल जाने के लिये निकले मजदूर बिलासपुर स्टेशन में आकर लॉक डाउन के कारण फंस गये और आगे जाने के लिये कोई ट्रेन नहीं थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा केरल से आने वाले मजदूरों को व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी भवन में रूकवाया गया है। यहां पश्चिम बंगाल के 50, असम के 7, बिहार के 3, झारखण्ड के 1, उत्तरप्रदेश के 1 एवं मध्यप्रदेश के 2 मजदूर रूके हुये हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के दौरान सब्जी विक्रेता से फोन पर बात कर बाजार में सब्जियों के दाम और किसानों को मिल रही कीमत के बारे में जानकारी ली। बघेल ने आज अपने निवास से कोरबा के सब्जी विक्रेता श्री गोरेलाल चंद्रा को फोन मिलाया और बाजार में सब्जियों के दाम से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि किसानों को सब्जियों का बराबर दाम मिल रहा है या नही। बाजार में सब्जियों के दाम बढ़े तो नही है। गोरेलाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि किसानों को सही दाम मिल रहा है। लॉकडाउन की शुरूआत में सब्जियों के दाम बढ़े थे, लेकिन देहात से अब सब्जियों की आवक शुरू होने से दाम डाउन हुए हैं। दो-चार रूपए ज्यादा लेकर लोगों को सब्जियां बेच रहे हैं। बघेल ने उनसे कहा कि यह संकट का समय है। लोगों को सही दाम पर सब्जियां मिलनी चाहिए। उन्होंने दुकान पर ज्यादा भीड़-भाड़ ना होने और लोगों के बीच एक मीटर की दूरी बनाकर सब्जियां बेचने की समझाईश दी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के दौरान किसानों के सामने आ रही दिक्कतों की जानकारी लेने के लिए फोन पर जांजगीर-चांपा के खोखरा गांव के किसान निखिल थवाईत से बात की। उन्होंने खेती किसानी के साथ गांव का हाल जाना। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि कोई दिक्कत तो नहीें है। थवाईत ने बताया कि ग्राम पंचायत से राशन मिल रहा है। जरूरतमंद लोगों को सहायता भी मिल रही है। जिला प्रशासन से भी हर तरह की मदद मिल रही है.

मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि आपने अपने खेत में क्या लगाया है। थवाईत ने मुख्यमंत्री को बताया कि लॉकडाउन के बाद काम बंद कर दिए हैं। खेत में थोड़ी हरी सब्जियां लगाई हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सब्जी बेचने में कोई परेशानी तो नही हो रही है। उन्होंने बताया कि नही। थोड़े बहुत मजदूर भी मिल जाते हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि सामाजिक दूरी बनाकर खेतों में काम करें। उन्होंने कहा कि इस समय थोड़ा संयम बनाकर रखें। सरकार आपके साथ है, पूरी मदद करेगी.

मुख्यमंत्री ने दूरभाष से रायपुर जिले के गोगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम पूनम वर्मा से कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अस्पताल में व्यवस्था और वहां बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी ली.

भूपेश बघेल ने अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या,लोगो में कोरोना के प्रति जागरूकता और बचाव के लिए की गयी सुरक्षा व्यवस्था आदि के बारे में पूछा। इसके जवाब में पूनम वर्मा ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 30-40 मरीज सामान्य सर्दी-बुखार के आ रहे हैं। मरीजो के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले सभी लोग आवश्यक सुरक्षा बरत रहे हैं। मास्क लगाने के साथ-साथ मरीज सामाजिक दूरी का भी पालन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने पूनम वर्मा से कहा कि आप बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। जब आप खुद सुरक्षित रहेंगी, तभी दूसरों को सुरक्षित रख पाएंगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक नियमों का पालन करने के लिए भी कहा.

वर्मा ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वह खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रख रही हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने अस्पताल में व्यवस्था, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और लोगों को जागरूक करने के लिए पूनम वर्मा को बधाई दी और इसी तरह आगे भी कार्य करने के लिए कहा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से दूरभाष पर चर्चा के बाद श्रीमती वर्मा ने बताया कि प्रदेश के मुखिया से चर्चा कर और उनकी लोगो के स्वास्थ्य के प्रति भावना को जानकर वह अब और अधिक काम करने के लिए प्रोत्साहित हुई हैं। उन्होंने कहा कि देश, समाज और मानव सेवा के इस अवसर पर हम पूरी निष्ठा तथा ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तथा कोरोना के संबंध में लोगों को जागरूक कर उन्हें इससे बचाएंगे.

इस तरह मुख्यमंत्री ने जाना कि दरअसल प्रदेश का असल हाल क्या है। सरकार के फैसलों और राहत कार्यों का क्या असर दिख रहा है.