रायपुर। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया. ताकि देश के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन इस लॉकडाउन से एक वर्ग ऐसा भी जिसका सीधा असर उनके पेट पर पड़ा है. रोज खाने-कमाने वालों के लिए यह संकट सबसे बड़ी विपदा है. इन स्थितियों के बीच इस वर्ग को राहत पहुँचा हम सबका कर्तव्य है.

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे बखूबी समझा है. उन्होंने ऐसे वर्ग को राहत पहुँचाने के लिए बड़ा ऐलान किया है. मुफ्त राशन के साथ-साथ हर खाने-पीने की जरूरतों के साथ नगद पैसे देने की बात भी कही है. लेकिन इसके साथ ही सीएम ने एक अपील प्रदेशवासियों से सहायता कोष में मदद करने की भी की है.

इस अपील का असर छत्तीसगढ़ में व्यापक तौर पर दिखा रहा. मंत्रियों, विधायकों के साथ अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, मीडिया सहित अनेक वर्ग के लोग मदद को आगे आए हैं. समाज सेवी संस्थानों की ओर से भी नगद राशि के साथ जरूरी वस्तुएँ दी जा रही है.

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन के लोग भी सरकार के हर कदम के साथ हैं. शैलेष नितिन का कहना है कि वे कहीं से भी वेतन प्राप्त नहीं करते, लेकिन वे इस संकट की घड़ी में हर संभव मदद करने को जुट गए हैं. उनका कहना है कि मैंने अपने गृह जिला बलौदाबाजार के लोगों से अपील की है कि वे मुख्यमंत्री सहायता कोष में अधिक से अधिक राशि जमा कराएं, ताकि छत्तीसगढ़ के गरीब तबके के प्रभावित लोगों की मदद की जा सके.

त्रिवेदी का कहना है कि भूपेश सरकार लगातार कड़े कदमों के साथ राहतों का ऐलान भी कर रही है. दूसरे राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में स्थिति नियंत्रण में है. मुख्यमंत्री स्वयं हर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. उनके आहव्हान पर हमारे बहुत से कार्यकर्ता वॉलिंटियर बनकर काम कर रहे हैं.

वे यही भी कहते हैं कि ये जो 21 दिनों का लॉक डाउन है इसकी गंभीरता को हमें समझते हुए खुद को बेहद सजग रखना है. क्योंकि हम स्वयं अगर स्वस्थ्य और सुरक्षित रहेंगे, तो अन्य लोगों की सुरक्षा भी बेहतर ढंग से कर पाएंगे. मैं अपने सभी साथियों से यही अपील करता हूँ कि छत्तीसगढ़ के साथ अन्य प्रदेशों में फंसे हमारे गरीब परिवारों की मदद के लिए आगे आएं, साथ दें…साथ निभाएं.