मनोज यादव, कोरबा. जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक बच्चे की मौत ने सरकारी सिस्टम की नाकामी और उसकी बदहाली की पोल खोलकर रख दी है. विकास के तमाम दावे खोखले नजर आए. ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे की मौत होने के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम कराने ले जाने के लिए कोई सरकारी सुविधा नहीं दी गई. बल्कि सराकरी नुमाइंदे ये नसीहत देते नजर आए कि शव मासूम का है तो बाइक से जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, जो सरकारी सिस्टम की काली हकीकत को बयां कर रहा है.

बता दें कि, मां के साथ नहाने गए डेढ़ वर्षीय बच्चे की तालाब में डूबने से मौत हो गई. जिसके बाद मामले की जानकारी लेमरू थाना पुलिस को दी गई. जिसके बाद लोगों के मुसीबत में साथ देने वाले कानून के रखवालों ने मदद करने की बजाय बेतुकी नसीहत देते हुए कहा मासूम का शव है, पोस्टमार्टम के लिए ले जाने में बाइक से कोई परेशानी नहीं होगी.

वहीं जब मृतक के पिता दरशराम यादव को सरकारी सिस्टम से कोई मदद नहीं मिली को लाचार बाप मासूम बेटे के शव को लेकर बाइक में 55 किलोमीटर का सफर तय कर मेडिकल कॉलेज पोस्टमार्टम कराने पहुंचा. जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें लाचार पिता की बेबसी छलक रही है. इतना ही नहीं विकास के उन दावों की भी धज्जियां उड़ती नजर आ रही है. इस घटना को देखकर सवाल खड़ा हो रहा है कि सिस्टम मरा या बच्चा ? साथ ही ‘अपंग सिस्टम’ को संजीवनी देने की भी जरूरत नजर आ रही है.

सीएचएमओ एस एन केशरी ने बताया कि, घटना की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को नहीं मिली थी. पुलिस द्वारा सुबह पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था. मामले की जांच की जा रही है.

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