Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन और एनडीए दोनों ही खेमों में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज हो गई है। इसी बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने का संकेत देकर माहौल गरमा दिया है। झामुमो की दावेदारी से तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ सकती है।
झामुमो ने साफ किया है कि वह बिहार की सीमावर्ती 12 विधानसभा सीटों पर दावेदारी के साथ महागठबंधन में सम्मानजनक भागीदारी चाहती है। इनमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई जैसी सीटें शामिल हैं। ये सभी क्षेत्र झारखंड की सीमा से लगे हैं और यहां झामुमो का परंपरागत वोटबैंक माना जाता है। पार्टी का दावा है कि यहां उसका संगठन मज़बूत है और पहले इन इलाकों से उसके विधायक भी चुने जा चुके हैं।
इसी सिलसिले में झामुमो नेताओं सुदीव्य कुमार सोनू और विनोद पांडे ने बीते 6 अक्टूबर को पटना में राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। यह बैठक झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो अध्यक्ष हेमंत सोरेन के निर्देश हुई थी। बताया जा रहा है कि झामुमो नेताओं को सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए मजबूत आंकड़े और तर्कों के साथ तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि सितंबर में पटना में हुई ‘वोटर अधिकार रैली’ के दौरान हेमंत सोरेन और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुलाकात हुई थी, लेकिन उस समय सीट बंटवारे पर बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
झामुमो का कहना है कि गठबंधन धर्म के तहत उसे वैसा ही सम्मान और हिस्सेदारी मिलनी चाहिए, जैसा उसने झारखंड चुनाव में अपने सहयोगियों को दिया था। झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो ने राजद को 7 सीटें दी थीं, जिनमें से 4 पर राजद ने जीत दर्ज की थी। अब उसी आधार पर झामुमो बिहार में 12 सीटों की मांग कर रहा है।
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