पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद. दिल्ली व राजस्थान में रहने वाले तस्कर उत्तर प्रदेश की गाड़ी में ओडिसा का नंबर प्लेट लगाकर ओड़िसा से गांजा ले जा रहे थे. नेशनल हाइवे पर टायर फटने से कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसे छोड़कर आरोपी भाग खड़े हुए. इधर लगे हाथ ग्रामीणों ने गांजे पर हाथ साफ कर लिया. जानकारी मिलते ही मौके पर पहुचें पुलिस ने भाग रहे आरोपियों को हिरासत में लेने के साथ गाड़ी से 20 किलो गांजा बरामद कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
सोमवार की तड़के सुबह ओड़िसा की ओर से देवभोग सीमा पार करते हुए कार ओडी 05-जेड 2206 रायपुर की तरफ जा रही थी. देवभोग से 16 किमी दूर नेशनल हाइवे में चिचिया ग्राम के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अगले चक्के का टायर फटने से गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हुई. बताया जा रहा है कि दुर्घटना के बाद गाड़ी में रखे गांजे के पैकेट पर कुछ ग्रामीण हाथ साफ कर लिए. जिसकी सूचना सुबह 7 बजे पुलिस को दी गई.
थाना प्रभारी ने सत्येन्द्र श्याम ने बताया कि मौके पर तत्काल पहुंचकर कुछ दूर भागे दोनों आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है. वाहन से 20 किलो गांजा भी बरामद किया गया है. चेकिंग में उसमे वाहन के पंजीयन सम्बन्धी दस्तावेज मिले, दस्तावेज के मुताबिक जब्त वाहन दीपक मल्होत्रा मूरादाबाद के नाम पर पंजीयन था, जिसका नम्बर यूपी 21 बीपी,4261 है. मामले में वैधानिक कार्यवाही की जा रही है. पकड़े गए आरोपी में विकास पिता जयराम (25 वर्ष) ग्राम जुड़ावल, थाना डिंग राजस्थान का निवासी है, तो दूसरा मोहित कुमार जाटव (24वर्ष), जौनापुर भीम बस्ती दिल्ली का रहने वाला है.
गांजा तस्करों का कॉरिडोर
देवभोग-गरियाबंद मार्ग गांजा तस्करों के लिए कॉरिडोर का काम करता है. यहां से 50 से 60 किमी दूरी पर नवरंगपुर जिले के पहाड़ी ग्रामों में गांजे को खेती ब्यापक पैमाने पर होती है. दो से ढाई हजार रुपए किलो में उच्च क़्वालिटी का गांजा मिल जाता है, जो आगे चलकर 6 हजार से लेकर 10 हजार रुपए प्रति किलो के दर पर बिकता है. पिछले डेढ़ सालों में जिले में 50 से भी ज्यादा गांजा तस्करों पर पुलिस ने कार्रवाई की है, जिसके कारण अब छोटे-मोटे तस्कर जो बस से जाते थे वो बन्द कर दिये हैं. यही वजह है कि दूर दराज के बड़े तस्कर गांजा तस्करी के लिये बड़ी लक्जरी वाहनों में आवाजाही कर रहे हैं.