रोजाना महंगाई से जहां देश की जनता बिलख रही है, वहीं दूसरी तरफ इमरान खान ने अंतराराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित कई देशों से मदद की गुहार लगाना शुरू कर दिया है. सब्जियों में टमाटर के बाद अब आलू भी काफी महंगा हो गया है और पाकिस्तान अब सार्क देशों में सबसे फिसड्डी हो गया है.

  • दिवालिया होने की कगार पर देश

पाक की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है. देश कर्ज के बोझ से दिवालिया होने के कगार पर है. सरकार को अपने पहले साल में 19 अरब का कर्ज चुकाना है. सूद की शक्ल में प्रतिदिन छह अरब रुपये अदा करने पड़ रहे हैं. चालू घाटा बढ़कर नौ अरब रुपये हो गया है.

कर्ज चुकाने के लिए सरकार ने सरकारी संपत्तियों को बेचने का फैसला लिया है. लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक वह अपने मित्र देशों से व आईएमएफ, विश्व बैंक से कर्जा लेने में विफल रही है. चीन ने अब पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए दो अरब डॉलर कर्ज देने का फैसला लिया है.

  • कर्जा माफी बना नासूर

2009 से 2015 तक 245 अरब रुपये के कर्ज माफ कराए गए. पिछले 25 साल में 988 से ज्यादा कंपनियों और रसूख वाले लोगों ने चार खरब 30 अरब छह करोड़ रुपये के कर्ज माफ कराए. कर्ज माफ कराने वालों में राजनीतिक व कारोबारी लोग शामिल हैं.

  • आलू 60 रुपये, टमाटर 100 रुपये

लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था से जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ गई है. इन दिनों टमाटर 100 रुपये और आलू 60 रुपये किलो से भी ज्यादा बिक रहा है. पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। सच तो यह है कि पाक सरकार अवाम को आर्थिक सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाई. आज भी चार करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं. इस बेकारी के कारण युवा दहशतगर्दी का दामन थाम रहे हैं.

नवंबर 2013 के बाद मुद्रास्फीति 9.41 पर पहुंच गई है. इसी वर्ष फरवरी में ये आंकड़ा 8.21 पर था. दरअसल, पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाक को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया और आयात निर्यात होने वाले सामान पर 200 फीसदी ड्यूटी लगा दी. इसके बाद से पाकिस्तान की हालत लगातार खराब हो रही है. केंद्र सरकार की इस कार्रवाई का असर अब परोक्ष तौर पर देखने को मिल रहा है.

  • पाकिस्तान की विकास दर सार्क देशों में फिसड्डी

यूएन की पिछले हफ्ते ही जारी हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की इकोनॉमिक ग्रोथ साल 2019 में 4.2 फीसदी और साल 2020 में 4 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 के दौरान बांग्लादेश की आर्थिक ग्रोथ दर 7.3 फीसदी, भारत की 7.5 फीसदी, मालदीव और नेपाल की 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है.

पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने जून में खत्म हो रही 12 महीने की अवधि के दौरान जीडीपी विकास दर 3.5 से 4 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है जो कि सरकार के अनुमान 6.2 फीसदी की तुलना में बहुत कम है.