पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. जिले के कस्तूरबा विद्यालय की बेटियों ने पहले जिम्नास्टिक में अब कराटे में अपना परचम लहराया है. मुम्बई के ठाणे में आयोजित कराटे के ओपन नेशनल चैम्पियन शिप में भागे लेने पहुंची मीनाक्षी साहू ने गोल्ड तो पदमालय यादव ने ब्राऊन मेडल जीता. दोनों ने मेडल जीतकर दिखा दिया है कि हम भी किसी से कम नहीं है.
देवभोग के कस्तूरबा विद्यालय की अधिक्षिका अमिता मेढ़े का प्रयास रंग लाने लगा है. दो साल से निजी व्यवस्था पर मेढ़े ने अभनपुर की ब्लेक बेल्ट बरखा राजपूत से सेल्फ डिफेंस का ट्रेनिंग सभी छात्राओं को दिलवा रही थी. 95 छात्राओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाली 8वीं की मीनाक्षी व नवमी के पदमालय को बरखा दो दिन पहले अमिता व पालको से अनुमति लेकर मुम्बई ले गई. बरखा ने बताया की कराटे स्पोर्ट्स फाउंडेशन से उसे भाग लेने कॉल आया. बरखा ने देवभोग कस्तूरबा के इन दोनों बेटियों के अलावा बलौदाबाजार से पायल सागरवंशी को साथ लेकर गई थी. बताया गया कि यहां श्रीलंका, इंग्लैंड, नेपाल, जापानी जैसे देश के अलावा भारत के विभिन्न राज्यों से 400 से ज्यादा बेटियां प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची.
सेल्फ डिफेंस के लिये सीखा था
इन बच्चों के कोच बरखा ने बताया कि 13 से 14 साल उम्र केटेगिरी के छोतोकान कराटे केटेगिरी में मीनाक्षी ने फाइनल राउंड में यलो बेल्ट यानी उससे सीनियर खिलाड़ी को मात दे कर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया. कोच को उम्मीद तो था पर सीनियर को छका देना गौरव का पल था. पदमालय तीसरे राउंड में मात खा गई, लेकिन दो राउंड का प्रदर्शन किसी मंजे खिलाड़ी से कम नहीं थी.
पहले भी यहां की बेटियों ने दिखाया है हुनर
इससे पहले देवभोग के कस्तूरबा विद्यालय की दो छात्राओं ने जिम्नास्टिक जैसे कठिन खेल में अपना लोहा मनवा चुकी हैं. अमिता मेढ़े ने इसे जिले नहीं प्रदेश के लिये गौरव बताया है. मेढ़े ने कहा ग्रामीण इलाके में छुपी प्रतिभा को निखारने हर सम्भव प्रयाश करेगी. बेटियों के लिए आत्मरक्षक की ट्रेनिंग हमेसा जारी रखेंगी. कोच बरखा के प्रति मेढ़े ने आभार व्यक्त किया है.